लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (PCDF) के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघों और सहकारी समितियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुग्ध संघों में हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए और सभी कर्मियों के कार्य के टारगेट स्पष्ट हों।

डेयरी क्षेत्र में जवाबदेही और टारगेट का निर्धारण
जवाबदेही और प्रशिक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री ने दुग्ध सहकारी समितियों और संघों में कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कर्मियों को कामकाज में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएं। यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि डेयरी क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहित करेगा।
टारगेट आधारित कामकाज की योजना
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक कर्मचारी को उसके कार्यक्षेत्र के अनुसार स्पष्ट टारगेट दिए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। दुग्ध संग्रह और गुणवत्ता परीक्षण को भी बेहतर बनाने के लिए नए मानक स्थापित किए जाएं।
किसानों और महिलाओं के लिए अवसर
किसानों को जागरूक करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बेहतर नस्ल के दुधारू पशुओं के पालन के लिए प्रेरित किया जाए। इसके साथ ही, वैज्ञानिक तरीकों से पशुपालन का प्रशिक्षण दिया जाए। इससे न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय में भी इजाफा होगा।
महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा
उन्होंने महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर देते हुए कहा कि डेयरी क्षेत्र महिलाओं की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने का एक सशक्त माध्यम है। बुंदेलखंड क्षेत्र के बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर को इस दिशा में एक आदर्श उदाहरण बताया गया। महिला सदस्यों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं।
डेयरी क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री की नई पहल
गुणवत्ता और क्षमता में सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध संघों में दूध संग्रह की क्षमता बढ़ाई जाए और दूध की गुणवत्ता परीक्षण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
गोबर से बायोगैस उत्पादन
मुख्यमंत्री ने गोबर से कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट स्थापित करने की योजना पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन प्लांट्स की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार भूमि उपलब्ध कराएगी। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन भी तैयार होगा।
प्रदेश में डेयरी संघों की स्थिति
क्लस्टर आधारित संचालन
प्रदेश में वर्तमान में 18 क्लस्टर दुग्ध संघ कार्यरत हैं। इनमें बरेली, प्रयागराज, मुरादाबाद, झांसी, आजमगढ़, अयोध्या, लखनऊ, मेरठ, कन्नौज, गोरखपुर, और कानपुर में डेयरी प्लांट्स का संचालन हो रहा है। इसके अलावा, वाराणसी में एनडीडीबी द्वारा डेयरी प्लांट संचालित किया जा रहा है।
बेहतर प्रदर्शन की दिशा में प्रयास
अधिकारियों ने बैठक में अवगत कराया कि इस वर्ष प्रदेश के डेयरी प्लांट्स ने अपनी स्थापित क्षमता के सापेक्ष बेहतर प्रदर्शन किया है। दुग्ध संग्रह और बिक्री में गत वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। इसके लिए किसानों को तकनीकी सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया गया है।
डेयरी क्षेत्र में सुधार की योजनाएं
बेहतर मॉडल विकसित करने पर जोर

मुख्यमंत्री ने डेयरी फेडरेशन को किसानों के लिए अधिक फायदेमंद और टिकाऊ मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी और किसान डेयरी क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।
वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्ता का वादा
शहरी क्षेत्रों में दूध की आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता का दूध उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। इसके लिए दुग्ध सहकारी समितियों और संघों को और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा
उन्होंने सुझाव दिया कि सहकारी समितियां गांवों और किसानों से सीधा संवाद स्थापित करें। इससे न केवल प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि किसानों को अधिक लाभ भी मिलेगा।
डेयरी क्षेत्र का उज्जवल भविष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों से प्रदेश के डेयरी क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं। दुग्ध संघों में जवाबदेही तय करने और कर्मचारियों के टारगेट स्पष्ट करने से न केवल डेयरी क्षेत्र की कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिलेगा।
इस पहल से महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा और डेयरी क्षेत्र उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक विकास का एक मजबूत आधार बनेगा। गोबर से बायोगैस उत्पादन और वैज्ञानिक पशुपालन जैसे प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होंगे, बल्कि प्रदेश के डेयरी उद्योग को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देंगे।
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