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Toggleआलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश को मिलेगा नया आयाम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आलू उत्पादन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार और केंद्र सरकार मिलकर बड़े कदम उठा रही हैं। योगी सरकार की पहल से आगरा में सीआईपी (अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र) की स्थापना की जा रही है। इस केंद्र के खुलने से उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल जैसे आलू उत्पादक राज्यों को बड़े पैमाने पर फायदा होगा। खासकर उत्तर प्रदेश, जो देश में आलू उत्पादन में पहले स्थान पर है, को इसकी मदद से अपनी उत्पादकता और गुणवत्ता सुधारने का सुनहरा मौका मिलेगा।
समुद्री निर्यात से आलू किसानों की आय में होगी वृद्धि
केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट में आलू को समुद्र के रास्ते निर्यात करने की योजना शामिल की गई है। यह कदम आलू किसानों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। समुद्री निर्यात के जरिए आलू को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में कम लागत लगेगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
आलू किसानों के हित में योगी सरकार का संवेदनशील दृष्टिकोण
योगी सरकार आलू किसानों की समस्याओं को लेकर बेहद संवेदनशील रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में ही किसानों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना लागू की थी, जो प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ। इसके तहत आलू की खरीदारी सुनिश्चित की गई और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिला। इसके अलावा, सरकार ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने और कृषि के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई कदम उठाए।
सीआईपी केंद्र के अलावा हापुड़ और कुशीनगर में एक्सीलेंस सेंटर
आगरा में बन रहा सीआईपी केंद्र (अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र) लगभग 10 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा, जिसमें करीब 120 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा, हापुड़ और कुशीनगर में भी आलू किसानों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, आधुनिक खेती के तरीके, और प्रसंस्करण तकनीक सिखाई जाएगी।
कोल्ड स्टोरेज और मेगा फूड पार्क से मिलेगा भंडारण का समाधान
आलू किसानों की सबसे बड़ी समस्या आलू का भंडारण और उचित बाजार मूल्य प्राप्त करना है। इस समस्या को दूर करने के लिए योगी सरकार ने पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किए हैं। साथ ही, आलू प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए मेगा फूड पार्क और क्लस्टर्स की स्थापना की जा रही है।
आगरा में सीआईपी केंद्र से होंगे ये बड़े फायदे

- बेहतर क्वालिटी के बीज उपलब्ध होंगे:
सीआईपी केंद्र में आलू की नई प्रजातियों के बीज विकसित किए जाएंगे, जो अधिक उत्पादकता और गुणवत्ता प्रदान करेंगे। - आलू की प्रसंस्करण योग्य किस्में:
यहां आलू की ऐसी प्रजातियां तैयार की जाएंगी जो प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) के लिए उपयुक्त हों। इससे किसान आलू के विभिन्न उत्पाद बनाने में सक्षम होंगे। - किसानों को प्रशिक्षण:
इस केंद्र में आलू की खेती के आधुनिक तरीकों पर किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। - उत्पादकता में वृद्धि:
आलू उत्पादन की प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने के लिए शोध केंद्र से नई तकनीकें और बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादन की स्थिति
उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। हालांकि, प्रति हेक्टेयर उत्पादन में राज्य पश्चिम बंगाल से पीछे है। पश्चिम बंगाल में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 29.9 मीट्रिक टन है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 25.48 मीट्रिक टन है। लेकिन सीआईपी केंद्र के खुलने से इस अंतर को कम करने और उत्पादन बढ़ाने की संभावनाएं हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख आलू उत्पादक जिले
उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जिलों में आलू की खेती होती है, लेकिन व्यावसायिक दृष्टि से प्रमुख उत्पादक जिले हैं:
- कन्नौज
- फर्रुखाबाद
- आगरा
- फिरोजाबाद
- मथुरा
- अलीगढ़
- मेरठ
- बुलंदशहर
- बरेली
- लखनऊ
- बाराबंकी
समुद्री निर्यात का नया रास्ता
समुद्र के रास्ते आलू के निर्यात की योजना से किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचने का मौका मिलेगा। इससे मांग और आपूर्ति के असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी और किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
भविष्य की संभावनाएं

योगी सरकार की यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के आलू उत्पादकों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलू की मांग को देखते हुए सीआईपी केंद्र से तैयार प्रजातियां और आधुनिक तकनीकें किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगी।
आगरा में सीआईपी केंद्र की स्थापना और हापुड़ व कुशीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की पहल से उत्तर प्रदेश में आलू उत्पादन का एक नया युग शुरू होने जा रहा है। इससे न केवल आलू की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार होगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। योगी सरकार के इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश न केवल देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलू उत्पादन में अग्रणी राज्य बनेगा।