कई थानों की पुलिस व पीएसी की मौजूदगी में हटवाया गया कब्जा
बहराइच। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के एक गांव निवासी कुछ लोगों ने रास्ता और खलिहान की जमीन पर अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया था।मकान और दुकान बना ली थी। गांव निवासी हसीदुल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रास्ता और खलियान की जमीन खाली करने की मांग की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि तत्काल रास्ता और खलिहान की जमीन खाली कराई जाए।
फखरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सराय जगना वजीरगंज में गाटा संख्या 92, 211 और 212 की जमीन जो खलिहान और रास्ते में अंकित है। इसी जमीन पर गांव के लोगों ने कब्जा कर घर व दुकाने बना रखी थी। बुधवार को कैसरगंज एसडीएम आलोक प्रसाद की अगुवाई में गठित हुई टीम में सीआरओ व तहसीलदार अभय रॉज पांडेय, नायब तहसीलदार बृजेश कुमार, ब्रहमादत्त यादव कानूनगो, राम मनोहर लेखपाल चन्द्रकेश मौर्या महावीर राय, अफजाल अहमद समेत पुलिस उपाधीक्षक कैसरगंज अनिल सिंह एसएचओ अभिनव प्रताप सिंह फखरपुर, राजनाथ सिंह कोतवाल कैसरगंज, पयागपुर, बौडी, हुजूरपुर, समेत आधा दर्जन पुलिस बल व दो बटालियन पीएसी की मौजूदगी में तीन जेसीबी से अबैध कब्जे पर बुलडोजर की कार्यवाही की गई। पिछले सप्ताह बुधवार को तहसील द्वारा नोटिस जारी कर जमीन खाली करने की चेतावनी दी गयी थी। जमीन खाली न करने पर तहसील प्रशासन ने आज बुधवार को बुलडोजर की कार्यवाही करते हुए 23 मकान व दुकान को गिरा दिया। इसको लेकर गांव के सैकड़ों लोग गुरुवार को सपा विधायक आनंद यादव और पूर्व विधायक शब्बीर अहमद के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नही मिली थी।नोटिस सराय जगना गांव निवासी वसीम खान, कुलसुम, अबू सहमा, मोसिम जोथु जावेद, फहद सिद्दीकी,फारुख खा, जुबेर, शहजाद, समेत अन्य को 10 नवंबर 2023 को बेदखली का नोटिस दिया गया था। इसके बाद भी कब्जा नहीं छोड़ा गया। कोर्ट के आदेश के बाद तहसील प्रशासन ने तेजी पकड़ी है। इससे गांव के सैकड़ो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। एसडीएम आलोक प्रसाद ने बताया कि उक्त गांव निवासी हदीसुल द्वारा रास्ते के विवाद को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 23 मकान चिन्हित कर बुलडोजर की कार्यवाही की जा रही।