आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन: नोडल शिक्षकों का शारदा प्रशिक्षण शुरू, शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
फखरपुर, बहराइच – जिले में आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह की अध्यक्षता में, बीआरसी गजाधरपुर पर तीन दिवसीय शारदा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन बच्चों के लिए था, जो शिक्षा के मुख्यधारा से बाहर हैं, यानी जो स्कूल छोड़ चुके हैं या जिन्होंने पूरी कक्षा नहीं की है।
आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन बढ़ाने का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन करके उन्हें शिक्षा के मुख्यधारा में जोड़ना है। बीईओ राकेश कुमार ने बताया कि पहले बैच में 105 परिषदीय विद्यालयों के नोडल शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर संत कुमार चौबे, अरुण कुमार पाण्डेय, सुएब अहमद अन्सारी, और अरुण कुमार अवस्थी ने भाग लिया।
नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना
नोडल शिक्षकों का शारदा प्रशिक्षण कार्यक्रम आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन और उनकी शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों को समझाने के लिए आयोजित किया गया था। मास्टर ट्रेनर संत कुमार चौबे ने बताया कि जिन बच्चों ने कक्षा पूरी नहीं की या जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है, उन्हें ‘शारदा – स्कूल हर दिन आए’ योजना के तहत फिर से शिक्षा प्रदान की जाएगी।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, शिक्षकों को बच्चों की पहचान, उनका नामांकन और कक्षानुसार शिक्षा देने के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह पहल न केवल बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की कोशिश कर रही है, बल्कि उनकी भविष्यवाणी और विकास के लिए भी एक मजबूत कदम साबित हो सकती है।
शारदा योजना के तहत बच्चों का नामांकन
‘शारदा – स्कूल हर दिन आए’ योजना के तहत, सभी नोडल शिक्षकों को इस बात का प्रशिक्षण दिया गया कि वे आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित करें और उन्हें सही कक्षा में नामांकित करें। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले नोडल शिक्षक न केवल बच्चों का सही चिन्हांकन करेंगे, बल्कि उन्हें कक्षा में शामिल करके शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने का काम भी करेंगे।
यह प्रशिक्षण बच्चों के समग्र विकास और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जरूरी कदम है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन बढ़ाने और उन्हें कक्षा में वापस लाने से बच्चों का भविष्य बेहतर हो सकता है।
प्रशिक्षण में मौजूद शिक्षक और मास्टर ट्रेनर्स
इस कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर संत कुमार चौबे, अरुण कुमार पाण्डेय, सुएब अहमद अन्सारी, और अरुण कुमार अवस्थी के अलावा कई प्रमुख शिक्षक भी उपस्थित थे। नोडल शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को बहुत ही उपयोगी और प्रभावशाली बताया और यह माना कि इस तरह के प्रशिक्षण से वे बच्चों का सही तरीके से नामांकन कर सकेंगे और उन्हें स्कूल में वापस लाने की प्रक्रिया को आसान बना सकेंगे।
शिक्षा में सुधार के लिए यह कदम है महत्वपूर्ण
आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन एक गंभीर समस्या है, लेकिन शारदा प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे कदमों से इस समस्या का समाधान संभव हो सकता है। इस कार्यक्रम के जरिए नोडल शिक्षकों को शिक्षा के प्रमुख पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे बच्चों को सही तरीके से शिक्षा के मुख्यधारा में शामिल कर सकेंगे।
नोडल शिक्षकों का यह प्रशिक्षण जिले में शिक्षा के स्तर को सुधारने और आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
इस पहल से न केवल बच्चों को शिक्षा मिल सकेगी, बल्कि वे भविष्य में बेहतर नागरिक बनने में सक्षम होंगे।
‘आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन’ अभियान के तहत शारदा प्रशिक्षण कार्यक्रम एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और हर बच्चे को एक मौका मिले अपने सपनों को पूरा करने का। इस तरह के कार्यक्रमों से शिक्षा में समानता और समावेशिता को बढ़ावा मिलता है, जो समाज के विकास के लिए बेहद आवश्यक है।
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