रुपईडीहा, बहराइच। सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने नशीले पदार्थों की तस्करी पर सख्ती दिखाते हुए एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। गुप्त सूचना के आधार पर 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने भारत-नेपाल सीमा पर विशेष गश्ती अभियान चलाकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और पांच बोरा तंबाकू जब्त किया।

गुप्त सूचना पर एसएसबी की त्वरित कार्रवाई
42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल की सीमा चौकी शिवपुरा को गुप्त सूत्र से खबर मिली कि सीमा पर दो मोटरसाइकिल सवार नशीले पदार्थ लेकर नेपाल की ओर जाने की कोशिश कर रहे हैं। यह जानकारी मिलते ही कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन के पर्यवेक्षण में और उप कमांडेंट दिलीप कुमार के निर्देशन में एक विशेष गश्ती दल को तैनात किया गया।
गश्ती दल ने सीमा स्तंभ संख्या 651/16 से लगभग 150 मीटर अंदर भारतीय क्षेत्र में मोटरसाइकिल पर दो लोगों को संदिग्ध सामान ले जाते हुए देखा।
एक तस्कर पकड़ा गया, दूसरा फरार
गश्ती दल ने जब दोनों मोटरसाइकिल सवारों को रोका तो उनमें से एक व्यक्ति मौके से मोटरसाइकिल छोड़कर नेपाल की तरफ भाग गया। हालांकि, गश्ती दल ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया। पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम संजय कुमार (उम्र 29 वर्ष) बताया, जो ग्राम रंजीतबोझा का निवासी है।
पांच बोरा तंबाकू और दो मोटरसाइकिल जब्त
गश्ती दल ने मोटरसाइकिल पर लदे सामान की तलाशी ली, जिसमें पांच बोरा तंबाकू बरामद किया गया। इसके अलावा दो मोटरसाइकिल भी जब्त की गईं, जिनमें से एक पर नंबर प्लेट (UP-40BB-7787) था, जबकि दूसरी मोटरसाइकिल बिना नंबर की थी।
अपराधी और जब्त सामान पुलिस को सौंपा गया
सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, गिरफ्तार अभियुक्त को तंबाकू, मोटरसाइकिल और अन्य जब्त सामान के साथ थाना रुपईडीहा पुलिस को सौंप दिया गया। एसएसबी की यह कार्रवाई नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए उनके प्रयासों को और मजबूत करती है।
42वीं वाहिनी की प्रतिबद्धता: नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान जारी
42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन ने बताया कि एसएसबी अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रही है। सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी को खत्म करने के लिए एसएसबी का अथक अभियान जारी है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य नशीले पदार्थों के व्यापार की श्रृंखला को पूरी तरह खत्म करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।”
नशीले पदार्थों के खिलाफ सशस्त्र सीमा बल की भूमिका
42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पिछले कुछ महीनों में कई बार बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की तस्करी को विफल किया गया है। पांच बोरा तंबाकू की जब्ती इस बात का प्रमाण है कि एसएसबी न केवल सीमा सुरक्षा में, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने में भी सक्रिय है।
गश्त के दौरान मिली बड़ी सफलता
गश्ती दल की मुस्तैदी और सटीक रणनीति के कारण यह कार्रवाई सफल हुई। यह एसएसबी के गश्त दलों की दक्षता को दर्शाता है। गुप्त सूचना मिलने के बाद से लेकर गिरफ्तारी और जब्ती तक की प्रक्रिया पूरी सतर्कता के साथ संपन्न की गई।
रुपईडीहा: सीमा पर तस्करी का हॉटस्पॉट
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रुपईडीहा हमेशा से तस्करी के लिए कुख्यात रही है। यहां तंबाकू, नशीले पदार्थ, और अन्य प्रतिबंधित सामान की तस्करी होती रही है। 42वीं वाहिनी ने पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में तस्करी के कई प्रयासों को नाकाम किया है।
42वीं वाहिनी का दृढ़ संकल्प: नशे के कारोबार पर लगाम
42वीं वाहिनी न केवल नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में लगी है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय को जागरूक करने के लिए भी प्रयासरत है।
- तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
- गश्ती दलों को आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण के साथ सशक्त किया गया है।
आगे की चुनौतियां और समाधान
हालांकि, तस्करी को पूरी तरह खत्म करना एक चुनौती है। इसके लिए एसएसबी को स्थानीय प्रशासन और जनता का सहयोग भी जरूरी है।
- सीमा चौकियों को और मजबूत करना: सीमा पर निगरानी बढ़ाने के लिए और चौकियां स्थापित करने की आवश्यकता है।
- सामुदायिक भागीदारी: तस्करी के खिलाफ स्थानीय लोगों को जागरूक करना और उनके साथ सहयोग बढ़ाना होगा।
- तकनीकी मदद: निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग करना जरूरी है।
सीमा पर सुरक्षा और शांति बनाए रखने की पहल
42वीं वाहिनी की यह कार्रवाई दर्शाती है कि सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए एसएसबी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीमा पर सुरक्षा बनाए रखने और स्थानीय समुदाय की रक्षा करने के लिए यह प्रयास अत्यधिक प्रशंसनीय है।
पांच बोरा तंबाकू की जब्ती और एक तस्कर की गिरफ्तारी 42वीं वाहिनी की सतर्कता और कुशलता को प्रदर्शित करती है। रुपईडीहा क्षेत्र में तस्करी रोकने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई न केवल आवश्यक है, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मददगार साबित हो रही है।
42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन का बयान इस बात का प्रतीक है कि एसएसबी अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभा रही है और तस्करी के खिलाफ उनका अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक इस पर पूरी तरह लगाम न लग जाए।
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