राजस्थान की बारां जिले की अंता सीट से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा का विवादों से गहरा नाता है। उनका नाम कई बार विवादों को लेकर सुर्ख़ियों में आ चुका है। अब इसी बीच बुधवार को ट्रायल कोर्ट में उन्होंने सरेंडर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट से कंवरलाल मीणा को 2 सप्ताह के राहत मिली थी। इसके बाद उन्हें 21 मई को ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि दोष सिद्धि के कारण विधायक के रूप में उनके सदस्य समाप्त हुई है या नहीं? तो चलिए जानते हैं आखिर बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा के विवादों के बारे में..
25 की उम्र में दर्ज हुआ पहला मामला
मिली जानकारी के अनुसार, कंवरलाल मीणा ने साल 1999 में अकलेरा झालावाड़ में गिरधारी लाल मीणा नामक व्यक्ति की हत्या करने का प्रयास किया था। इसके अलावा उन पर कई अन्य अपराधों के आरोप लगे थे जिसके बाद साल 2023 में उन्हें दोषी ठहराया गया। इसी साल उन पर और भी आरोप लगे जिसमें सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना शामिल था। हालाँकि इस मामले में 2011 में समझौता हो गया था।
मस्जिद में किए कई नुकसान
इसके बाद कुंवर लाल मीणा का नाम सामने आया कि एक मस्जिद में घुसकर उन्होंने मस्जिद को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा किराया मांगने पर एक बस को क्षतिग्रस्त कर दिया और एक लोक सेवक को घायल करना समेत कई आरोप लगे। इतना ही नहीं बल्कि उन पर धार्मिक पुस्तकों को अपवित्र करना और लिखो को नष्ट करना समेत कई आरोप लगे। इसके अलावा मीणा पर एक शिकायतकर्ता के ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और कृषि उपकरणों को आग लगाना और चोरी करना, एक शिकायतकर्ता के घर में आग लगाना समेत कई मामले दर्ज किए गए।
महिलाओं से छेड़छाड़
इसके बाद साल 2016 में भी कुंवर लाल मीणा का विवादों से नाम घिरा। दरअसल, अरुण रॉय और निखिल डे के मजदूर किसान शक्ति संगठन के बैनर तले महिला कार्यकर्ताओं ने मीना पर दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ का आरोप लगाया जिसके बाद उनका नाम काफी लाइमलाइट में रहा। उन्हें एक ट्रायल कोर्ट और एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने भी बरी कर दिया था, हालांकि यह मामला अभी भी कोर्ट में है।
हथियार से लेकर मारपीट
इसके बाद साल 2023 में एक बार फिर मीणा का नाम सुर्खियों में आया जब बारां के अटरू पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल नरपत सिंह ने 12 आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया। इस मामले के तहत लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल शामिल था। मीडिया रिपोर्ट की माने तो अब तक कुंवरलाल मीणा पर करीब 27 मामले दर्ज हो चुके हैं, इनमें से एक 14 घातक हथियार से लेस होकर दंगा करने का आरोप मिला था।
ये भी पढ़ें: कौन है AAP को झटका देने वाली बॉबी किन्नर? विवादों से रहा गहरा नाता, अब इस पार्टी का थामा दामन!