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Tuesday, July 8, 2025
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लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षिका प्रीती मिश्रा सम्मानित

पयागपुर, बहराइच उत्तर प्रदेश की शिक्षिका प्रीती मिश्रा को उनके उत्कृष्ट कार्य और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह द्वारा लखनऊ में सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान पंचम राज्य स्तरीय कला, क्राफ्ट एवं पपेट्री प्रतियोगिता में उनकी अनूठी प्रस्तुति के लिए प्रदान किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा किया गया था।

प्रतियोगिता में शिक्षिका का शानदार प्रदर्शन

विगत 23 अक्टूबर 2024 को लखनऊ में आयोजित इस प्रतियोगिता में विज्ञान विषय पर शिक्षकों को कक्षा में उपयोगी सामग्री बनाने और उसे प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया। शिक्षिका प्रीती मिश्रा ने शून्य निवेश पर विषय आधारित कक्षा उपयोगी सामग्री का निर्माण किया और उसे निर्णायक मंडल के समक्ष प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में उन्होंने विज्ञान को रोचक और प्रभावी तरीके से समझाने की नई तकनीकों का उपयोग किया।

निर्णायक मंडल ने उनकी सामग्री का निर्धारित मानकों एवं समय सीमा के आधार पर मूल्यांकन किया और उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें प्रदेश स्तर पर चयनित किया गया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

शिक्षा क्षेत्र में अनूठा योगदान

शिक्षिका प्रीती मिश्रा का यह प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका मानना है कि शिक्षण केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे व्यावहारिक और प्रयोगात्मक रूप से समझाने की आवश्यकता है। उन्होंने विज्ञान विषय की जटिल अवधारणाओं को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे छात्रों को पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी और वे बेहतर तरीके से सीख सकेंगे।

उनकी इस उपलब्धि से शिक्षा जगत में प्रेरणा का संचार हुआ है और अन्य शिक्षकों को भी नए तरीकों से पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जनपद का नाम किया रोशन

शिक्षिका प्रीती मिश्रा की इस उपलब्धि पर पूरे जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) के प्राचार्य/उपनिदेशक मनोज कुमार अहिरवार एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह पूरे जिले के लिए गर्व का क्षण है

इसके अलावा, खण्ड शिक्षा अधिकारी पयागपुर डाली मिश्रा ने भी शिक्षिका को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि विद्यालय, ब्लॉक और जनपद के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शिक्षिका भविष्य में भी इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी।

शिक्षिका के प्रयासों की सराहना

शिक्षिका प्रीती मिश्रा का यह प्रयास न केवल विज्ञान शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे पारंपरिक शिक्षण से आगे बढ़कर नए और प्रभावी तरीकों को अपनाएं।

इस उपलब्धि को लेकर शिक्षिका ने भी अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि “यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि पूरे शिक्षण समुदाय का है। मेरा उद्देश्य हमेशा से छात्रों को बेहतर शिक्षा देना और उन्हें विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित करना रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि “अगर सही संसाधन और सही मार्गदर्शन मिले, तो शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव लाया जा सकता है। मैं आगे भी अपने नवाचारों को जारी रखूंगी और छात्रों के लिए उपयोगी सामग्री का निर्माण करती रहूंगी।”

प्रदेश में शिक्षा सुधार की ओर एक कदम

शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इन सकारात्मक बदलावों से यह स्पष्ट होता है कि नवाचार और आधुनिक शिक्षण विधियों को अपनाकर छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है। सरकार भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके।

 

 

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दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे Sticker माफिया का अवैध कारोबार, करोड़ों की उगाही का खुलासा

नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस की नाक के नीचे Sticker माफिया का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। कमर्शियल वाहनों पर विशेष स्टीकर लगाकर ये माफिया नो-एंट्री जोन में बेधड़क घूम रहे हैं और खुलेआम ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी इस अवैध उगाही से अंजान नहीं हैं, बल्कि हल्के-फुल्के चालान कर अपनी जिम्मेदारी निभाने का दिखावा कर रहे हैं।

दिल्ली में Sticker माफिया का खुलासा: ट्रैफिक पुलिस की नाक के नीचे चल रहा अवैध कारोबार

Sticker के नाम पर करोड़ों की उगाही, पुलिस को नहीं कोई डर

दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के नेतृत्व में ट्रैफिक पुलिस शहर में नियमों का पालन कराने की बात करती है, लेकिन असलियत कुछ और ही है। विभिन्न इलाकों में ये Sticker Mafia सक्रिय हैं और ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर अपने वाहनों को नो-एंट्री ज़ोन में चलाने की छूट हासिल कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इन माफियाओं के कुछ खास कोड वर्ड हैं, जैसे:
जीशान का Happy New Year 2025
जय भगवान MTC
रिंकू का RTS01
शकील का मेरा भारत महान
गगनदीप का Golden Aero Logistics
RV अफरान

ये नाम केवल दिखावे के लिए नहीं हैं, बल्कि इनका गहरा नेटवर्क है जो ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग तक फैला हुआ है। दिल्ली के नई दिल्ली, द्वारका, मॉडल टाउन, अशोक विहार, नरेला, बदरपुर, कमला मार्केट, सदर बाजार जैसे प्रमुख इलाकों में इनका कब्जा है।

नो-एंट्री में बेरोकटोक दौड़ रहे Sticker वाले वाहन

दिल्ली में नो-एंट्री नियमों के बावजूद ये Sticker लगे कमर्शियल वाहन आसानी से आवाजाही कर रहे हैं। बुराड़ी, मॉडल टाउन, नरेला, द्वारका, बदरपुर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में इनकी मौजूदगी जाम का कारण बन रही है।

ट्रैफिक पुलिस केवल दिखावे के लिए कुछ छोटे-मोटे Sticker चालान कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन असली गुनहगारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इन माफियाओं का कहना है कि “अगर कोई पुलिस अफसर हमारा चालान करेगा तो खुद चालान की रकम भी देगा!”

हर महीने बदले जा रहे कोड नेम, माफिया से ट्रैफिक पुलिस बेखबर?

हमारी शिकायत के बाद इन माफियाओं ने अपने मार्क बदल लिए हैं। जानकारी के अनुसार, ये लोग हर महीने अपने Sticker कोड वर्ड बदल देते हैं ताकि किसी को उन पर शक न हो। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा लगातार फल-फूल रहा है।

Sticker माफिया का नया हथकंडा – चाबी का छल्ला

अब ये माफिया एक नया तरीका अपना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगर ट्रैफिक पुलिस का कोई अधिकारी किसी वाहन को रोकता है, तो ड्राइवर तुरंत चाबी का छल्ला या कोई अन्य गुप्त निशानी दिखा देता है, जिससे पुलिस अधिकारी बिना चालान किए ही उन्हें जाने देता है।

अगली खबर में होगा बड़ा खुलासा!

दिल्ली में Sticker के नाम पर अवैध उगाही का यह खेल लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि इसे उजागर किया जाए। अगली रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि इस रैकेट के पीछे कौन-कौन बड़े चेहरे हैं और कैसे यह करोड़ों का कारोबार फल-फूल रहा है।

 

जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।

बंदी ने जेल में गला रेता: जमानत न मिलने से उठाया खौफनाक कदम, लखनऊ रेफर

बंदी ने जेल में गला रेता
बंदी ने जेल में गला रेता

बंदी ने जेल में गला रेता: जमानत न मिलने से उठाया खौफनाक कदम

बंदी ने जेल में गला रेता

बहराइच जिला कारागार में एक विचाराधीन बंदी ने जेल में गला रेता, जिससे पूरे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि बंदी को जमानत तो मिल गई थी, लेकिन जमानतदार न मिलने के कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। हालत गंभीर होने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया है।

गैर इरादतन हत्या के मामले में था बंदी

श्रावस्ती जिले के भिनगा थाना क्षेत्र के बबरापुर गांव निवासी 23 वर्षीय ननके उर्फ ननकने गैर इरादतन हत्या के मामले में विचाराधीन बंदी था। उसे 7 दिसंबर को जिला कारागार में रखा गया था। बंदी ने जेल में गला रेता यह घटना शुक्रवार शाम करीब 7 बजे की है।

टॉयलेट में धारदार हथियार से किया हमला

बंदी नित्यक्रिया के लिए शौचालय गया था, लेकिन जब काफी देर तक बाहर नहीं आया तो पहरेदारों को शक हुआ। जब पहरेदार वहां पहुंचे तो उन्होंने उसे घायल अवस्था में पाया। जांच में पता चला कि बंदी ने जेल में गला रेता और आत्महत्या की कोशिश की।

लोहे के टीन से काटा गला

जेल प्रशासन की जांच में सामने आया कि बंदी ने शौचालय के लोहे के गेट के टीन को धारदार बनाकर अपना गला काटा। यह देखकर सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और उच्च अधिकारियों को सूचना दी। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे गंभीर हालत में लखनऊ रेफर कर दिया गया।

जमानत न मिलने से उठाया यह कदम

अस्पताल में भर्ती बंदी ने बताया कि उसकी जमानत तो मंजूर हो गई थी, लेकिन कोई जमानतदार नहीं मिल रहा था। इस वजह से वह मानसिक तनाव में था और उसने आत्महत्या की कोशिश की।

जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही?

इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार बंदी ने जेल में गला रेता तो उसके पास धारदार हथियार कहां से आया? जेल प्रशासन ने सफाई दी है कि उसने शौचालय के लोहे के गेट के टीन से ही धारदार हथियार बनाया था। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।

 

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वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल का निधन: पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल निधन
वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल निधन

वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल निधन
वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल निधन

बहराइच: जिले के वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल के निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। 88 वर्षीय अग्रवाल जी का हाल ही में निधन हो गया, जिससे पत्रकार संगठनों और उनके चाहने वालों में गहरा दुख व्याप्त है।

1961 से पत्रकारिता में रखा कदम

वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल ने 1961 में हिंदुस्थान न्यूज़ एजेंसी से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने तरुण भारत, स्वतंत्र भारत, आज समाचार पत्र और अमृत प्रभात जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में बतौर जिला संवाददाता कार्य किया। उनका योगदान पत्रकारिता के क्षेत्र में अमूल्य रहा है।

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के संस्थापक रहे

1963 में वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल ने बहराइच में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की स्थापना की। 1970 से 1975 तक वे इस संगठन के जिला अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1980 से 1990 तक उन्होंने प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य एवं कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1995 में उन्हें संगठन का राष्ट्रीय पार्षद नियुक्त किया गया।

सामाजिक कार्यों में भी था गहरा जुड़ाव

निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल का सामाजिक कार्यों में भी विशेष योगदान रहा। वे जिले के प्रतिष्ठित व्यापारियों में से एक थे और वर्तमान में गल्ला व्यापार संगठन के संरक्षक थे।

पत्रकारिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे पुत्र

स्वर्गीय वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल के तीन पुत्र हैं—बृजेश कुमार अग्रवाल, विपिन अग्रवाल और रत्नेश अग्रवाल। उनके पुत्र विपिन अग्रवाल 1982 से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं और टाइम्स ऑफ इंडिया तथा बीबीसी रेडियो के लिए काम कर चुके हैं।

शहर के त्रिमुहानी घाट पर अंतिम संस्कार

वरिष्ठ पत्रकार परमेश कुमार अग्रवाल के निधन की खबर मिलते ही पत्रकारों और शहरवासियों में शोक की लहर दौड़ गई। अगले दिन त्रिमुहानी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां बड़ी संख्या में पत्रकार और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

पत्रकार संगठनों ने जताया शोक

उनके निधन पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन और जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन ने गहरा शोक व्यक्त किया।

 

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RBI Repo Rate कटौती से EMI में मिलेगी राहत? जानिए इसका आपके लोन पर क्या असर पड़ेगा

RBI Repo Rate कटौती और EMI पर असर
RBI Repo Rate कटौती और EMI पर असर

RBI Repo Rate कटौती से EMI पर असर, जानिए क्या करना होगा

RBI Repo Rate कटौती और EMI पर असर
RBI Repo Rate कटौती और EMI पर असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने RBI Repo Rate कटौती का ऐलान कर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। रेपो रेट में 0.25% की कटौती के बाद यह 6.50% से घटकर 6.25% हो गया है। अब सवाल उठता है कि क्या इस फैसले से आपकी EMI कम होगी? अगर हां, तो इसके लिए आपको क्या करना होगा? आइए जानते हैं विस्तार से।

RBI Repo Rate कटौती क्या है?

RBI समय-समय पर RBI Repo Rate में बदलाव करता है, जिससे बैंकों की ब्याज दरों पर प्रभाव पड़ता है। जब Repo Rate कटौती की जाती है, तो बैंकों को कम ब्याज दर पर लोन मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराते हैं।

EMI कम होगी या नहीं?

1. फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट लोन पर असर

अगर आपने फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लोन लिया है, तो आपकी EMI में कोई बदलाव नहीं होगा। यह लोन शुरू से अंत तक एक निश्चित दर पर चलता है।

2. फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट लोन पर असर

अगर आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, तो RBI Repo Rate कटौती के बाद आपकी EMI या लोन टेन्योर कम हो सकता है।

EMI कम कराने के लिए क्या करना होगा?

  • अगर आपके बैंक ने Repo Rate कटौती के बाद ब्याज दर में बदलाव किया है और आपने EMI में बदलाव का विकल्प चुना है, तो आपकी EMI अपने आप कम हो जाएगी।
  • अगर आपने लोन टेन्योर घटाने का विकल्प लिया था, तो आपको EMI कम कराने के लिए बैंक जाना होगा।
  • आप अपने बैंक से संपर्क कर अपने लोन के टर्म्स को फिर से संशोधित कर सकते हैं।

क्या लोन लेने का यह सही समय है?

अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ दिन इंतजार करें। बैंक अपनी ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं, जिससे आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। हमेशा अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करके सबसे किफायती विकल्प चुनें।

अगर बैंक ब्याज दर कम नहीं करता तो क्या करें?

अगर Repo Rate कटौती के बावजूद आपका बैंक ब्याज दर कम नहीं करता, तो आप अपना लोन किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, लोन ट्रांसफर करने से पहले नए बैंक की ब्याज दर और हिडन चार्जेस की जांच जरूर करें।

RBI Repo Rate कटौती से होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI कम हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लोन किस प्रकार का है। अगर आपने फ्लोटिंग रेट लोन लिया है, तो इस कटौती का सीधा फायदा मिल सकता है। वहीं, फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहकों को कोई राहत नहीं मिलेगी।

 

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जिनकी बदौलत पार्टी ने 21वीं सदी में पहली बार राजधानी में ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में BJP की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में BJP की ऐतिहासिक जीत

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस चुनाव में BJP ने अपनी रणनीति, चुनावी वादों और संगठनात्मक मजबूती के दम पर शानदार प्रदर्शन किया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में BJP की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में BJP की ऐतिहासिक जीत

BJP की ऐतिहासिक जीत का पूरा विश्लेषण

BJP की जीत के मुख्य कारण

BJP की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कई अहम कारण रहे हैं। आइए जानते हैं कि किन फैक्टर्स ने इस बार पार्टी को मजबूत स्थिति में ला दिया।

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का असर इस चुनाव में साफ देखने को मिला। उनकी नीतियां, विकास कार्यों और राष्ट्रवाद के एजेंडे ने मतदाताओं को BJP की ओर आकर्षित किया।

2. संगठन की मजबूती और चुनावी रणनीति

BJP ने इस बार संगठन को ज़मीनी स्तर पर और मजबूत किया। पार्टी ने बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया और डिजिटल कैंपेनिंग का भरपूर इस्तेमाल किया।

3. आम आदमी पार्टी (AAP) की कमजोरियों का फायदा

AAP सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) का फायदा BJP को मिला। जनता ने बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में खामियों को लेकर AAP को जवाब दिया।

4. राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एजेंडा

BJP ने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व जैसे मुद्दों को चुनावी केंद्र में रखा। इससे पार्टी को हिंदू वोट बैंक का समर्थन मिला और विरोधी दल बैकफुट पर आ गए।

5. दिल्ली में नए चेहरे और युवा नेतृत्व

BJP ने इस चुनाव में नए चेहरों को मौका दिया, जिससे युवाओं में पार्टी के प्रति जोश बढ़ा। स्थानीय नेताओं के दमदार प्रचार ने भी जीत में बड़ी भूमिका निभाई।

BJP की जीत का मतगणना में प्रदर्शन

चुनाव नतीजों के अनुसार, BJP ने दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 48 सीटें जीतीं, जबकि AAP और कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। यह BJP की अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।

आगे की रणनीति: BJP सरकार का एजेंडा

अब BJP की नई सरकार दिल्ली में किस तरह काम करेगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। पार्टी ने वादा किया है कि वह बेहतर बुनियादी सुविधाएं, स्वच्छ प्रशासन और सुरक्षा पर खास ध्यान देगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में BJP की ऐतिहासिक जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जनता विकास और स्थिरता चाहती है। इस चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा, संगठन की मजबूती और विपक्ष की कमजोरियां अहम कारण रहीं। अब देखना होगा कि BJP अपनी सरकार से जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।

 

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मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम: चंद्रभानु पासवान की ऐतिहासिक जीत, BJP ने सपा को दी करारी शिकस्त

मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम
मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम

मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम: BJP ने सपा को हराकर हासिल की बड़ी जीत

मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम
मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम

उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार जीत दर्ज की है। पार्टी ने इस बार नए चेहरे चंद्रभानु पासवान पर दांव खेला, जो 60,000 से अधिक वोटों से विजयी हुए। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी अजीत प्रसाद को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।

चंद्रभानु पासवान ने कैसे मारी बाजी?

BJP ने नए चेहरे पर लगाया दांव

मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए हुए इस उपचुनाव में BJP ने पुराने दावेदारों को छोड़कर चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया। चंद्रभानु पहले भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं और अयोध्या के रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। उनकी जीत ने साबित कर दिया कि पार्टी का यह फैसला सही था।

सीएम योगी और बीजेपी के बड़े नेताओं का मिला समर्थन

चंद्रभानु पासवान को इस जीत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिला। योगी आदित्यनाथ ने खुद मिल्कीपुर में कई रैलियां कीं और जनता से BJP को वोट देने की अपील की।

सपा को क्यों मिली हार?

अखिलेश यादव की रणनीति फेल

समाजवादी पार्टी ने इस सीट के लिए सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, अखिलेश यादव और अन्य नेताओं द्वारा की गई प्रचार रैलियों के बावजूद सपा के पक्ष में वोट नहीं जा सके।

अयोध्या लोकसभा चुनाव की हार का BJP ने लिया बदला

गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने अयोध्या सीट से BJP के लल्लू सिंह को हराया था। लेकिन अब मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को हरा दिया, जिसे 2024 की हार का बदला माना जा रहा है।

मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम: जातीय समीकरण और वोटिंग पैटर्न

मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 3.58 लाख मतदाता हैं, जिनमें अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां पासी समाज और यादव समुदाय का दबदबा है। हालांकि, इस बार अनुसूचित जाति के मतदाताओं ने BJP के पक्ष में मतदान किया, जिससे चंद्रभानु पासवान की जीत सुनिश्चित हुई।

BJP की बढ़ती पकड़

मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम से यह साफ हो गया कि बीजेपी ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने इस उपचुनाव को गंभीरता से लिया और सपा को करारा जवाब दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में BJP इस जीत को कैसे भुनाती है।

 

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कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला: फर्जी इंस्टाग्राम ID से जूनियर्स को किया परेशान, 8 छात्र सस्पेंड

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला
कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला: फर्जी इंस्टाग्राम ID से जूनियर छात्रों को किया गया परेशान

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला
कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला

कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में आठ सीनियर छात्रों को दोषी पाए जाने पर छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, इन छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से भी रोक दिया गया है और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

फर्जी इंस्टाग्राम ID से किया गया मानसिक उत्पीड़न

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला – साइबर क्राइम का सहारा

जांच में सामने आया कि कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में आरोपी छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम ID बनाई और जूनियर छात्रों को मैसेज भेजकर मानसिक उत्पीड़न किया।

हॉस्टल में की गई साइबर रैगिंग

मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले जूनियर छात्रों को सीनियर छात्रों ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और कॉल के जरिए परेशान किया।

प्रशासन ने की कड़ी कार्रवाई

मेडिकल कॉलेज प्रशासन और साइबर सेल ने इस मामले की गहन जांच की। जांच में यह साबित हुआ कि आरोपी छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम ID बनाकर रैगिंग की थी।

CCTV फुटेज और साइबर सेल जांच से हुआ खुलासा

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में CCTV फुटेज बना सबूत

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जब इस मामले की गहराई से जांच की, तो CCTV फुटेज और इंस्टाग्राम चैट से सीनियर छात्रों की करतूतों का खुलासा हुआ।

आरोपी छात्रों ने मानी अपनी गलती

मेडिकल कॉलेज प्रशासन और साइबर सेल की जांच में जब सबूत सामने आए, तो आरोपी छात्रों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और माफी मांगी।

 कॉलेज प्रशासन ने दी कड़ी सजा

कॉलेज प्रशासन ने कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सभी आरोपी छात्रों को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया।

रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला – भविष्य के लिए कड़ा संदेश

यह मामला अन्य छात्रों के लिए एक सबक है कि रैगिंग एक गंभीर अपराध है, जिस पर कॉलेज प्रशासन और सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है।

भविष्य में कड़ी सजा का प्रावधान

कॉलेज प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा होने पर और भी कड़ी सजा दी जाएगी।

कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में आठ सीनियर छात्रों को दोषी ठहराते हुए सजा दी गई है। फर्जी इंस्टाग्राम ID से जूनियर छात्रों को परेशान करना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है, और इस मामले में प्रशासन की कड़ी कार्रवाई ने अन्य छात्रों को सतर्क कर दिया है।

 

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Delhi Election Result 2025: बीजेपी की बंपर जीत, AAP को AIMIM ने पहुंचाया नुकसान

Delhi Election Result 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे सामने आ चुके हैं। Delhi Election Result 2025 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शानदार जीत दर्ज की है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को कई सीटों पर करारी हार मिली। खासकर मुस्तफाबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने AAP के खेल को बिगाड़ दिया, जिससे बीजेपी को जीत का फायदा मिला।

मुस्तफाबाद में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत

दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीट माने जाने वाली मुस्तफाबाद में इस बार मुकाबला दिलचस्प रहा। यहां से बीजेपी उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के अदील अहमद खान को 17,578 वोटों से हराया।

AIMIM ने खेल बिगाड़ा, AAP को हुआ नुकसान

AIMIM के उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने इस सीट पर चुनाव लड़कर AAP के वोट काटे। ताहिर हुसैन को 33,474 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी के अदील अहमद खान को 67,637 वोट हासिल हुए। वहीं, बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने 85,215 वोटों के साथ जीत दर्ज की।

अगर ओवैसी की पार्टी AIMIM चुनाव में न उतरती तो यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में जा सकती थी।

Delhi Election Result 2025: केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को करारी हार

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। Delhi Election Result 2025 में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों ही चुनाव हार गए।

  • नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने हराया।
  • शकूर बस्ती सीट से AAP के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन भी हार गए। उन्हें बीजेपी के करनैल सिंह ने 20,998 वोटों से हराया।

ओखला सीट पर अमानतुल्ला खान जीत रहे हैं

दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्ला खान को बड़ी जीत मिलती दिख रही है। वे 31,660 वोटों से आगे चल रहे हैं। यहां बीजेपी के मनीष चौधरी हार रहे हैं, जबकि ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार शिफा उर रहमान दूसरे स्थान पर हैं।

Delhi Election Result 2025: बीजेपी 50 से ज्यादा सीटों पर आगे

दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में बीजेपी 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी, जबकि आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर सिमटती दिखी। अब तक के परिणामों के अनुसार:

  • बीजेपी ने 16 सीटें जीत ली हैं।
  • AAP अब तक 11 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है।
  • अन्य पार्टियां सिर्फ कुछ सीटों पर असर डाल पाईं।

Delhi Election Result 2025 ने दिखा दिया कि दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, AIMIM की एंट्री ने AAP के लिए मुश्किलें बढ़ा दीं।

 

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दिल्ली चुनाव 2025: केजरीवाल की हार और बीजेपी की जीत के 7 बड़े कारण

दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत के कारण
दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत के कारण

दिल्ली चुनाव 2025: केजरीवाल की हार और बीजेपी की जीत के 7 बड़े कारण

दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत के कारण
दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत के कारण

दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जहां आम आदमी पार्टी (AAP) को हार का सामना करना पड़ा, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार जीत दर्ज की। आखिर क्या वजह रही कि केजरीवाल की रणनीति कारगर नहीं रही और बीजेपी ने बाज़ी मार ली? आइए जानते हैं दिल्ली चुनाव 2025 में केजरीवाल की हार और बीजेपी की जीत के 7 बड़े कारण।

1. केजरीवाल सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर

दिल्ली में AAP की सरकार को 10 साल पूरे हो चुके हैं। लंबे शासनकाल के बाद जनता में असंतोष बढ़ा, जिससे दिल्ली चुनाव 2025 में केजरीवाल की हार की भूमिका बनी। कई मतदाताओं ने बदलाव के पक्ष में वोट किया, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला।

2. बीजेपी की आक्रामक चुनावी रणनीति

बीजेपी ने दिल्ली चुनाव 2025 के लिए ग्राउंड-लेवल पर जबरदस्त कैंपेनिंग की। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ा और हर सीट पर दमदार उम्मीदवार उतारे। इस रणनीति ने बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई।

3. भ्रष्टाचार के आरोप और AAP की गिरती साख

पिछले कुछ सालों में केजरीवाल सरकार के खिलाफ कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिनमें शराब घोटाला प्रमुख रहा। विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और दिल्ली की जनता में AAP की छवि को कमजोर किया। इसका असर दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजों में साफ दिखा।

4. केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रभाव

मोदी सरकार की कई योजनाएं, जैसे उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना और मुफ्त राशन योजना ने दिल्ली के मतदाताओं पर असर डाला। गरीब और मध्यम वर्ग के मतदाताओं ने इन योजनाओं के चलते बीजेपी की जीत में योगदान दिया।

5. हिंदुत्व कार्ड और राष्ट्रवाद की लहर

बीजेपी ने दिल्ली चुनाव 2025 में राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान विरोधी नीति जैसे मुद्दों ने हिंदू मतदाताओं को आकर्षित किया, जिससे केजरीवाल की हार सुनिश्चित हुई।

6. कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन और वोटों का बंटवारा

कांग्रेस इस चुनाव में कमजोर साबित हुई, जिससे उसके परंपरागत वोट AAP और बीजेपी में बंट गए। मुस्लिम और दलित वोट बैंक, जो पहले कांग्रेस के साथ था, वह इस बार विभाजित हुआ और इसका फायदा सीधे बीजेपी की जीत को मिला।

7. मुफ्त योजनाओं का उल्टा असर

AAP ने फ्री बिजली, पानी और बस सेवा जैसी योजनाओं पर जोर दिया, लेकिन इस बार जनता ने इसे दीर्घकालिक नीति के रूप में सही नहीं माना। लोगों को लगा कि इन योजनाओं से दिल्ली की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। इस कारण दिल्ली चुनाव 2025 में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग हुई।

क्या केजरीवाल की राजनीति खत्म हो गई?

दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजों ने दिखा दिया कि सिर्फ मुफ्त योजनाएं अब चुनाव जीतने की गारंटी नहीं हैं। बीजेपी की आक्रामक रणनीति, राष्ट्रवाद की लहर और AAP सरकार के खिलाफ नाराजगी ने केजरीवाल की हार और बीजेपी की जीत को सुनिश्चित किया। अब देखना होगा कि केजरीवाल इस हार से क्या सीख लेते हैं और भविष्य में अपनी रणनीति कैसे बदलते हैं।

 

 

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