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Saturday, July 5, 2025
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क्या सच में रीना रॉय की बेटी हैं सोनाक्षी सिन्हा? शत्रुघ्न सिन्हा से रहा था 8 साल का अफेयर, इसलिए नहीं हो सकी शादी!

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बॉलीवुड इंडस्ट्री एक ऐसी इंडस्ट्री रही है जहां पर अक्सर अफवाहें उड़ती रहती है। एक ऐसा भी वक्त था जब मशहूर अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और रीना रॉय को लेकर यह खबर सामने आई थी कि सोनाक्षी रीना रॉय की बेटी है। इसके पीछे का कारण यह बताया जाता था कि सोनाक्षी सिन्हा के पिता यानी कि शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय का एक समय पर अफेयर रहा था जिसके बाद उनके घर सोनाक्षी का जन्म हुआ, हालांकि बाद में इस पर सोनाक्षी सिन्हा ने भी अपनी राय साझा की थी। तो चलिए जानते हैं आखिर रीना रॉय और सोनाक्षी सिन्हा का रिश्ता क्या है और इस पर उन्होंने क्या कहा था?

ऐसे उड़ी थी सोनाक्षी और रीना रॉय की अफवाह
दरअसल, अफवाह यहां से शुरू होती है जब सोनाक्षी सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने सलमान खान के साथ फिल्म ‘दबंग’ से अपने करियर की शुरुआत की और पहली फिल्म से सफलता के झंडा गाढ़ दिए। पहली फिल्म में सोनाक्षी की शक्ल देखकर हर कोई हैरान रह गया था। उनके लुक्स और कद काठी सब कुछ रीना रॉय के जैसा लग रहा था। उनकी शक्ल भी हूबहू रीना रॉय की तरह दिखाई दी। बस फिर क्या था? सोशल मीडिया से लेकर हर तक यह चर्चा शुरू हो गई कि आखिर सोनाक्षी सिन्हा रीना रॉय की बेटी है।

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जब यह मामला काफी बढ़ गया तो खुद सोनाक्षी सिन्हा ने इस पर कहा था कि, उनकी शक्ल केवल उनकी मां पूनम सिन्हा जैसी दिखती है। उन्होंने ये भी बताया था कि, वही जब यही सवाल रीना राय से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि, “यह सब तो जिंदगी के इत्तेफाक होते हैं, उनकी मां और जितेंद्र की मां भी देखने में जुड़वा बहने लगती है।” रीना ने कहा था कि, “सोनाक्षी का चेहरा उनकी मां पूनम सिन्हा से मिलता है। ‘दबंग’ में सलमान खान ने सोनाक्षी को एक खास भारतीय लुक दिया था और सोनाक्षी से उनका चेहरा मिलने का यह एक कारण हो सकता है।

8 साल रहा शत्रुघ्न और रीना रॉय का अफेयर
बात करें रीना रॉय और शत्रुघ्न सिन्हा के अफेयर के बारे में तो 70 और 80 के दशक में शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय इंडस्ट्री के टॉप कलाकार हुआ करते थे। दोनों की जोड़ी को भी खूब पसंद किया गया था। ये दोनों उन दिनों फैंस से लेकर डायरेक्टर की पहली डिमांड हुआ करते थे। इन दोनों ने कालीचरण ,आशा, जानी दुश्मन, अपनापन और नसीब जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। कहा जाता है कि फिल्मों में काम करने के दौरान रीना रॉय और शत्रुघ्न सिन्हा एक दूसरे के नजदीक आ गए और उनके अफेयर की चर्चा पूरे इंडस्ट्री में छा गई। हालांकि किसी कारणवश इन दोनों की शादी नहीं हो पाई।

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इसी बीच शत्रुघ्न सिन्हा ने पूनम सिन्हा से शादी रचा ली तो वही रीना रॉय ने भी एक्टर का साथ छोड़ दिया। उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शादी रचाकर भारत को ही अलविदा कह दिया। लेकिन बेटी के जन्म के बाद रीना और मोहसिन एक दूसरे से आग हो गए। कुछ साल पहले रीना रॉय भारत लौट आई है और वह अपनी बेटी के साथ मुंबई में ही रहती है।

सोनाक्षी सिन्हा का करियर
बात करें सोनाक्षी के करियर के बारे में तो उन्होंने साल 2010 में फिल्म ‘दबंग’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। पहली फिल्म से सोनाक्षी हर तरफ छा गई थी। इसके बाद उन्होंने राउडी राठौर, आर राजकुमार, दबंग 3, डबल एक्सेल, शिवम, सन ऑफ़ सरदार, लुटेरा जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। शादी के बाद फिलहाल वह अभी तक किसी फिल्म में नजर नहीं आई। बता दें, सोनाक्षी सिन्हा ने साल 2024 में जहीर इकबाल के साथ 7 फेरे लिए थे। जाहिर से शादी करने से पहले सोनाक्षी का नाम शाहिद कपूर, रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर, सलमान खान और बंटी सचदेव के साथ जुड़ा था।

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भारत में एक बार फिर कोरोना का कहर, देशभर में 4000 के करीब पहुंचा आंकड़ा, जानें क्या है इसके लक्षण?

corona virus in india

क्या एक बार फिर से भारत में कोरोना की लहर आने वाली है? यह सवाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और यह देश का सबसे गंभीर मामलों में से एक है जिससे एक समय पर पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। जी हां.. फिर से कोविड-19 की दस्तक हो गई है और अब तक देश भर में केवल एक हफ्ते में 1200 से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है। देशभर में अब यह आंकड़ा 4000 के करीब पहुंच चुका है। ऐसे में हर तरफ यह सवाल उठ रहा है कि एक क्या एक बार फिर से भारत में कोरोना ने दस्तक दे दी है? तो चलिए जानते हैं देश भर में कहां-कहां कोरोना की दोबारा दस्तक हुई है।

केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीज
दरअसल, केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना केस मिले हैं। जी हां दिल्ली और कर्नाटक का नाम भी इसमें शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2 जून 2025 को एक रिपोर्ट जारी की गई जिसमें पिछले 24 घंटे में 203 एक्टिव मरीज मिले जिसमें से 4 की मौत हो गई है। वही 1 जनवरी से 2 जून 2025 तक मरने वालों की संख्या 32 है और अभी एक्टिव मैरिज 3961 के पास बताई जा रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली की भी रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट की माने तो बीते दिन 47 नए मरीज मिले हैं और एक की मौत हो गई। वहीं वर्तमान में केवल दिल्ली में 483 सक्रिय मैरिज मिले हैं जबकि इनमें से 4 की मौत दर्ज हो गई है। बात की जाए कर्नाटक की तो यहां बीते दिन 15 नए कैसे मिले हैं।

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कोरोना वायरस के 2 नए वेरिएंट
इन सब के बीच में कोरोना वायरस के दो नए वेरिएंट भी पाए गए हैं जिनका नाम NB.1.8.1 और LF.7 है। अब सभी के मन में एक ही सवाल आ रहा होगा कि आखिर ये वेरिएंट क्या हैं? दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एनबी.1.8.1 और एलएफ।7 दोनों को ‘मॉनीटरिंग के तहत वेरिएंट’ के तौर पर रखा है। जी हाँ.. इसका आसान शब्दों में मतलब है कि इस वक्त इन दोनों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और वे अभी तक ज्यादा परेशानी के कारण नहीं बने हैं। इसी बीच डॉक्टर से भी पूछताछ की गई। वहीं पुणे हॉस्पिटल के इंटेंसिव केयर के एक्सपर्ट डॉक्टर अजीत तमोलकर ने भी कोविड-19 के बारे में बात की।

उन्होंने कहा कि, “हमारे पास एक कोविड मरीज है, जो 70 वर्षीय डायबिटीज पैशेंट हैं जो आइसोलेशन वार्ड में है। उन्हें आईसीयू देखभाल की आवश्यकता नहीं है। एक अन्य को हाल ही में छुट्टी दी गई थी जो लड़की थी और उसने हाल ही में बाहर ट्रेवल किया था। उसे छुट्टी दे दी गई है। 70 वर्षीय व्यक्ति को शुरू में ऑक्सीजन की आवश्यकता थी जिसे शुक्रवार को बंद कर दिया गया था। ये मामले पिछले सात दिनों में आए हैं। इससे पहले हमारे पास कोई कोविड मामला नहीं था।”

इसके अलावा उन्होंने कहा कि, “अभी जो कोरोना के लक्षण सामने आ रहे हैं वे हल्के हैं और उनमें खांसी, जुकाम, बुखार और फ्लू जैसे लक्षण ही सामने आए हैं। हम लोगों को सुझाव देते हैं कि अगर उनके लक्षण तीन दिनों से अधिक समय तक रहते हैं तो वे मेडिकल हेल्प लें।”

corona virus in india

क्या है इसके लक्षण?
बात की जाए इसके लक्षण के बारे में तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। पुराने कोरोना की तरह ही नए कोरोना के भी लक्षण है। इसमें बुखार आना, नाक बंद होना, मतली आना, पाचन संबंधी समस्या आ रही है या फिर गले में दर्द हो रहा है तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपके आसपास रहने वाले व्यक्ति को भी इस तरह की परेशानियां आ रही है तो आप उनसे दूर रहें और खुद का ख्याल रखे। यदि किसी को ये सारे लक्षण अधिक समय तक रहते हैं तो वे तुरंत RT-PCR टेस्ट कराएं।

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आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक है हल्दी और जीरा, हर रोज सेवन करने से शरीर को मिलते हैं ये चमत्कारी गुण!

raw turmeric and cumin

भारतीय किचन औषधीय चीजों का भंडार माना जाता है। जी हां.. किचन में हल्दी से लेकर ऐसी कई चीजे शामिल होती है जो हमारे सेहत के काम आती है। यह चीज हमारे खाने को तो स्वादिष्ट बनाती ही है बल्कि हमारे सेहत का भी भरपूर ख्याल रखती है। आज हम बात करेंगे किचन में मौजूद हल्दी और जीरे के बारे में जिनके गुणों में इतनी ताकत होती है कि आप अपनी सेहत का भी सुधार कर सकते हैं। जी हां हल्दी और जीरे को औषधि के रूप में भी जाना जाता है। कच्ची हल्दी और जीरे में बहुत से पोषक तत्व होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को कई लाभ दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं जीरे और हल्दी के गुणों के बारे में…

हल्दी और जीरे में होते हैं ये गुण
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर जीरा और कच्ची हल्दी में कितने गुण होते हैं? दरअसल, कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व पाए जाते हैं जो आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। वही बात की जाए जीरे की तो इसमें एंटी इंप्लीमेंट्री, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। इसमें आयरन विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जिनका सेवन करने से आपकी सेहत पर अच्छा असर देखने को मिलता है। यदि आप कच्ची हल्दी और जीरे का पानी का सेवन करते हैं तो आपको कई बदलाव देखने को मिलेंगे साथ ही आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा।

raw turmeric and cumin

कच्ची हल्दी और जीरे के पानी का सेवन करने से होते हैं यह फायदे?

टॉक्सिंस बाहर निकल जाते
यदि आप हल्दी और जीरा का पानी एक साथ पीते हैं तो इससे नेचुरल डिटॉक्सिफायर होता है। इसका सेवन करने से शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और साथ ही आपका स्वास्थ्य काफी लाभदायक रहता है। यदि आप हर रोज हल्दी और जीरे का पानी पीते हैं तो आपकी स्किन पर भी काफी ग्लो देखने को मिलता है।

सूजन में होती है कमी
यदि आपके शरीर में किसी तरह की सूजन आ रही है तो ऐसे में आप हल्दी और जीरे का पानी जरूर पिए। दरअसल इसमें मौजूद एंटी इंप्लीमेंट्री के गुण होते हैं जो आपकी जोड़ो मांसपेशी और शरीर के अन्य हिस्सों की सूजन को कम करने में मदद मिलती है ऐसे में आप हल्दी और जीरे का पानी का सेवन करें और जल्द ही सूजन से राहत पाए।

वजन होता है कम
इसके अलावा हल्दी और जीरे के पानी से वजन कम करने में भी सहायता मिलती है। दरअसल इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन सी के गुण पाए जाते हैं जिसके चलते मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद मिलती है, साथ ही इससे पेट की चर्बी भी कम होती है और आपको धीरे-धीरे वजन में भी कमी दिखाई देती है। ऐसे में आप हल्दी और जीरे का पानी जरूर ले।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद
इससे कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी सहायता मिलती है। दरअसल हल्दी और जीरे के पानी में एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपके शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना

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इम्युनिटी क्षमता मजबूत होती है
बता दें, हल्दी और जीरे का पानी आपकी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करते हैं। दरअसल हल्दी और जीरे में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल के गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से आपके शरीर की इम्युनिटी क्षमता मजबूत होती है। यदि आपको सर्दी, खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो आप हल्दी और जीरे का पानी जरूर पिए। यह आपकी इन छोटी-छोटी बीमारियों से तुरंत राहत देगा।

कैसे करें हल्दी और जीरे का सेवन?
अब सवाल यह पैदा होता है कि आखिर हल्दी और जीरे का पानी किस तरह से तैयार करें? तो इसके लिए आप एक कप पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर काफी अच्छे से इसे उबाल ले। इसके बाद इसमें एक छोटी चम्मच जीरा डाल ले और दोनों को अच्छे से घुलने दे। इसके बाद इसे छान ले और गुनगुने रहने पर इसका सेवन करें।

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JEE Advanced Result 2025: कितना गया कटऑफ? पुरुष वर्ग ने मारी बाजी, इस आसान प्रक्रिया से चेक करें अपना रिजल्ट!

jee advanced 2025 result

आईआईटी में प्रवेश के लिए आयोजित हुई इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE एडवांस्ड का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। बच्चे कई दिनों से Jee एडवांस्ड के रिजल्ट पर नजरे बिछाए बैठे थे, अब उन बच्चों के इंतजार की घड़ी खत्म हो चुकी है। परीक्षार्थी अपना रिजल्ट jeeadv.ac.in पर जाकर चेक कर सकते हैं और साथ ही अपना स्कोर डाउनलोड कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थी के बारे में और कट ऑफ क्या रहा?

कितने छात्र हुए थे शामिल?
रिपोर्ट की माने तो 1.80 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने Jee एडवांस्ड परीक्षा में हिस्सा लिया था। इस साल 54,378 उम्मीदवारों ने परीक्षा को क्लियर किया है जिसमें 9,404 लड़कियां शामिल है। बता दे इस बार सभी केटेगिरी की कट ऑफ गिरी है। जी हां.. आईआईटी दिल्ली जोन के रजित गुप्ता ने टॉप किया है। रजित ने 360 में से 332 अंक का हासिल किया। बता दे परिणाम के साथ-साथ फाइनल आंसर शीट को भी जारी कर दिया गया है। इस साल 1,90,000 छात्र छात्राओं ने जी एडवांस्ड के लिए रजिस्ट्रेशन किया था जिसमें जी एडवांस्ड परीक्षा कुल 360 अंकों की हुई जिसमें पेपर-1 एवं पेपर-2 दोनों ही 180 से अंक के आए थे।

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किसने किया टॉप?
जहां दिल्ली जोन के रजित गुप्ता ने पूरे देश में टॉप किया है तो वहीं दूसरे स्थान पर आईआईटी दिल्ली जोन के ही सक्षम जिंदल है जिन्होंने 360 में से 332 अंक प्राप्त किए हैं। बात की जाए तीसरे स्थान के बारे में तो 330 अंकों के साथ आईआईटी बॉम्बे जॉन के मजीद मुजाहिद हसन ने हासिल किया। वहीं चौथे नंबर पर 327 अंकों के साथ आईआईटी बॉम्बे जॉन पार्थ मंदर ने हासिल किया। इसके अलावा देवदत्ता मांझी ने 16 रैंक हासिल कर महिला वर्ग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि जी एडवांस्ड कॉमन रैंक लिस्ट में 15 रैंक पर सभी पुरुष कैंडिडेट रहे जबकि 16 रेंक से महिला की शुरुआत हुई।

कितना रहा कटऑफ?
बात की जाए जी एडवांस्ड के रिजल्ट के कट ऑफ के बारे में तो इस साल प्रत्येक विषय और कुल मिलाकर जी एडवांस्ड कट ऑफ सभी श्रेणियां में कम हो गई है। रैंक लिस्ट में शामिल होने के लिए जी एडवांस्ड 2025 कट ऑफ अंक सामान्य रैंक लिस्ट के लिए 20.56% जबकि जनरल ईडब्ल्यूएस रैंक लिस्ट और ओबीसी एनसीएल रैंक लिस्ट के लिए 18.50% वही सभी श्रेणियां में एससी एसटी प रैंक लिस्ट के लिए 10.28%। इसके अलावा प्रिपेरटॉरी कोर्स रैंक लिस्ट में 5.14% प्रतिशत रहा।

अब जानते हैं आखिर जी एडवांस्ड रिजल्ट को कैसे चेक कर सकते हैं।

  1. इसके लिए आपको सबसे पहले जी एडवांस्ड रिजल्ट की आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर जाना होगा।
  2. इसके बाद आपके सामने स्कोर कार्ड के लिए अनाउंसमेंट क्षेत्र के अंदर दी गई लिंक पर क्लिक करना होगा।
  3. इसके बाद आप अपना एप्लीकेशन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
  4. इसके बाद आपके सामने परिणाम खुलकर आएगा जिसमें आप रैंक विवरण चेक कर सकते हैं।
  5. अपने भविष्य के उपयोग के लिए आप अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड करके अपने पास रखें।

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वही बात की जाए जोसा काउंसलिंग के रजिस्ट्रेशन के बारे में तो 3 जून से एनआईटी, ट्रिपल आईटी और जीएफटीआई में प्रवेश के लिए जोसा काउंसलिंग की प्रारंभ प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस वर्ष दोसा काउंसलिंग द्वारा 23 आईआईटी 32 एनआईटी 26 ट्रिपल आईआईटी एवं 47 जीएफआईटी में प्रवेश दिया जाएगा। बता दे यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन के माध्यम होगी 3 जून से 28 जुलाई के बीच यह छह चरणों में की जाएगी। इसके लिए 3 से 12 जून शाम 5:00 बजे से जोसा काउंसलिंग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व कॉलेज चॉइस फिलिंग होगा।

ये डॉक्युमेंट्स होंगे जरुरी

  1. इसके लिए आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट लगेंगे जिसमें कक्षा दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट शामिल है।
  2. इसके अलावा यदि आप किसी श्रेणी या पीडब्ल्यूडी से है तो आपको प्रमाण पत्र लगने वाला है। (यदि इसमें लागू हो)
  3. इसके अलावा आपको Jeeएडवांस का एडमिट कार्ड लगेगा।
  4. इसके अलावा आपके पास मेडिकल प्रमाण पत्र होना चाहिए, साथ ही आपकी बैंक डिटेल और पासपोर्ट होना अनिवार्य है।

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एबी डी विलियर्स से आगे निकले सूर्य कुमार यादव, IPL इतिहास में दर्ज किया ये नया रिकॉर्ड!

suryakumar yadav

कप्तान सुरेश अय्यर की नाबाद अर्ध शतक की शानदार पारी के बाद पंजाब किंग्स ने क्वालीफायर-2 मुकाबले में मुंबई इंडियंस को 5 विकेट से हराकर आईपीएल 2025 के फाइनल में अपनी जगह बना ली है। बता दे मुंबई ने पहले बल्लेबाज की थी। इस दौरान उन्होंने 20 ओवर में 6 विकेट पर 203 रनों का पहाड़ खड़ा किया था हालांकि जवाब में पंजाब में 19 ओवर में 5 विकेट पर 207 रन बनाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज हासिल की। हालांकि से पहले बारिश ने खलल डाली जिस कारण मैच 2 घंटे 15 मिनट की देरी से हुआ लेकिन मैच जितनी देरी से हुआ उतना ही रोमांचक भी था। अंदाजा लगाया जा रहा था कि बारिश होने की वजह से ओवरों में कटौती होगी हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ, उसके बाद शानदार पारी खेली गई और अंत तक मैच का रोमांचक बना रहा।

साल 2014 के बाद फाइनल में पहुंची पंजाब
आपकी जानकारी के लिए बता दे की साल 2014 के बाद पहली बार पंजाब किंग्स फाइनल में पहुंची है। अब उसका सामना 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर आरसीबी यानी कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से होने वाला है। इससे पहले आरसीबी ने क्वालीफायर 1 मुकाबले में पंजाब को पटकनी दी थी। वहीं पांच बार की चैंपियन मुंबई का सफर क्वालिफाइड- 2 में समाप्त हो गया है।

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खैर आज हम बात करेंगे सूर्य कुमार के बारे में जिन्होंने आईपीएल के इतिहास में नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। इस दौरान वह मिडिल ऑर्डर के बेताज बादशाह बनकर उभरे। सूर्यकुमार यादव भले ही अर्धशतक पारी से चूक गए हो लेकिन इस दौरान उन्होंने 44 रन की शानदार पारी खेल कर इतिहास रच दिया। उन्हें भारत का 360 भी कहा जाता है। अब उन्होंने एबी डी विलियर्स को पीछे छोड़कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

सूर्यकुमार ने रचा इतिहास
मुंबई इंडियंस के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने आईपीएल 2025 सीजन में एक नया मुकाम हासिल किया। उन्होंने इस सीजन में बतौर नोन ओपनर सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। जी हां.. सूर्यकुमार यादव ने 2025 के आईपीएल में 691 रन ऑन के आंकड़ों को पार कर लिया है जो अब तक किसी भी नॉन ओपनर बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रनों में से एक है। इससे पहले यह रिकॉर्ड एबी डी विलियर्स के नाम था जिन्होंने साल 2016 में 687 रन बनाए थे। भले ही मुंबई इंडियंस जीती ना हो लेकिन सूर्य कुमार यादव ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से हर किसी का दिल जीत लिया। वह मिडिल ऑर्डर में खेलने के बावजूद शानदार स्ट्राइक रेट और बेहतरीन शॉट्स के लिए जाने जाते हैं।

मुश्किल दौर में टीम के साथ रहे सूर्य कुमार यादव
बता दे सूर्यकुमार और अब डी विलियर्स से पहले साल 2018 में ऋषभ पंत ने 684 रन बनाए थे हालांकि सूर्यकुमार यादव ने उन्हें भी पीछे छोड़ दिया है। इसके अलावा साल 2018 में केन विलियमसन ने 622 का रिकॉर्ड बनाया था। वही बात की जाए सूर्यकुमार यादव की तो उन्होंने साल 2023 में भी ऐसी ही रोमांचक पारी खेली थी।

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दरअसल उन्होंने इस दौरान 605 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था। अब उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 691 की शानदार पारी खेली जो आईपीएल के इतिहास में सबसे शानदार पारी रही। सूर्यकुमार यादव का यह प्रदर्शन आखिरकार बताता है कि वह सिर्फ ताबड़तोड़ रन नहीं बना रहे हैं बल्कि टीम को एक मुश्किल हालात से भी बाहर निकालने की कोशिश करते हैं और बेहतरीन बल्लेबाज की भूमिका अदा कर रहे हैं।

ऑरेंज कप पर थी सूर्यकुमार की नजरें
वैसे सूर्यकुमार की नजरें इस सीजन के ऑरेंज कप पर टिकी हुई थी। यदि मुंबई इंडियंस फाइनल में पहुंचती तो उन्हें ऑरेंज कप जरूर हासिल करने का एक और मौका मिल जाता लेकिन टीम ने हार का सामना किया और ना ही उन्हें यह स्कोर मिला जिसकी वजह से उनका यह सपना अधूरा रह गया। बता दे सूर्य कुमार यादव का पूरा नाम सूर्यकुमार अशोक यादव है हालांकि उन्हें स्काई के नाम से भी जाना जाता है। क्रिकेट की दुनिया में उनकी फैन फॉलोइंग काफी तगड़ी है, वह जब भी मैदान पर उतारते हैं एक तूफ़ान खड़ा कर देते हैं।

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पहली ही फिल्म से सुपरस्टार बन गई थी गोविंदा की ये हीरोइन, फिर अचानक इंडस्ट्री से हुई गायब, जानें अब कहां है?

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फिल्मी दुनिया में ऐसी कई हीरोइन है जो रातों-रात पॉपुलर हो गई तो रातों-रात गुमनामी की जिंदगी भी जीने लगी। जी हां… इंडस्ट्री में ऐसी एक्ट्रेस आई जिन्हें पहली फिल्म से खूब सफलता हासिल हुई और लोगों ने इन्हें खूब प्यार भी दिया। फैंस चाहते थे कि यह आगे भी अपना करियर बनाएं और उन्हें अच्छी-अच्छी फिल्में दे लेकिन अचानक ही इन्होंने इंडस्ट्री से मुंह मोड़ लिया। इन्हीं में से एक पापुलर एक्ट्रेस रितु शिवपुरी भी है जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन फिर अचानक यह इंडस्ट्री से गायब हो गई। तो चलिए जानते हैं रितु शिवपुरी के करियर के बारे में..?

ऑंखें से बदल गई थी रितु शिवपुरी की दुनिया
बता दे रितु शिवपुरी ने साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म ‘आंखें’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म का गाना ‘वो लाल दुपट्टे वाली तेरा नाम तो बता..’ काफी पॉपुलर हुआ था। वही फिल्म ने भी सिनेमाघरों में तहलका मचा दिया था। फिल्म में गोविंदा और चंकी पांडे मुख्य किरदार में थे। इसके अलावा फिल्म में रितु शिवपुरी थी जो गोविंदा के अपोजिट थी। गोविंदा के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया। उनके चेहरे की मासूमियत और खूबसूरती ने हर किसी का दिल जीत लिया। पहली फिल्म ब्लॉकबस्टर होने के बाद रितु शिवपुरी को काम के मौके मिले लेकिन उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं कर पाई।

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एक्टिंग के बाद शुरू किया बिजनेस का सफर
रितु ने अपने करियर में करीब 16 फिल्में की जिसमें ‘हद कर दी आपने’, ‘लज्जा’, ‘साम्राज्य’, ‘भाई-भाई’ जैसी फिल्में शामिल है। इसी बीच उन्होंने इंडस्ट्री से गायब होने का फैसला कर लिया। दरअसल, साल 2006 में वह आखिरी बार सुनहरे पर्दे पर दिखाई दी। इसके बाद रितु शिवपुरी ने बतौर ज्वैलरी डिजाइनर अपना एक सफर शुरू किया और वह इसमें काफी सफल हुई। बता दे फिल्में न करने के बावजूद रितु शिवपुरी करोड़ों की मालकिन है।

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कई साल बीत जाने के बाद साल 2016 में रितु शिवपुरी ने एक बार फिर से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा, हालांकि इस बार वह बड़े पर्दे पर नहीं बल्कि छोटे पर्दे पर दिखाई दी। जी हां.. साल 2016 में वह शो ’24’ के साथ टेलीविजन की दुनिया में आई। टेलीविजन पर भी उन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया। वह ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’, ‘विष’, ‘करनजीत कौर’, ‘द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ सनी लियोन’ में दिखाई दी, लेकिन साल 2019 के बाद फिर उन्होंने टीवी को भी अलविदा कह दिया।

इस बड़े एक्टर की बेटी हैं रितु शिवपुरी
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, रितु शिवपुरी का फिल्मी दुनिया से काफी पुराना ताल्लुक है। दरअसल उनके पिता मशहूर अभिनेता ओम शिवपुरी थे जबकि उनकी मां सुधा शिवपुरी भी हिंदी सिनेमा की बड़ी कलाकार थी। उनकी बेटी रितु भी ऐसे में एक्टिंग की दुनिया में ही उतरी, हालांकि वह अपने माता-पिता की तरह इंडस्ट्री में ज्यादा बड़ा नाम नहीं कमा पाई। जब रितु शिवपुरी ने अपने करियर की शुरुआत की थी तब उनकी उम्र केवल 17 साल थी और 17 साल की उम्र में उन्होंने गोविंद जैसे बड़े सुपरस्टार के साथ काम किया था। यही वजह थी की ऋतु शिवपुरी को इंडस्ट्री में बुलंदियों पर पहुंचने पर समय नहीं लगा, हालाँकि उन्होंने इससे जल्दी ही दूरी भी बना ली।

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सोशल मीडिया पर एक्ट्रेस की तगड़ी फैन फॉलोइंग
बता दे रितु शिवपुरी भले ही किसी फिल्म में या टीवी सीरियल में नजर ना आती हो लेकिन वह अपने बिजनेस में काफी सफल है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है और अक्सर अपनी खूबसूरत तस्वीरें साझा करती रहती है। फिल्मों में ना आने के बावजूद रितु शिवपुरी की फैन फॉलोइंग तगड़ी है और लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं। खास बात यह है कि इतने सालों के बावजूद रितु शिवपुरी की खूबसूरती में कोई कमी नहीं आई, बल्कि वह पहले से ज्यादा बोल्ड और ग्लैमरस दिखाई देती है।

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क्या खाली पेट तरबूज खाया जा सकता है? जानिए शरीर के लिए कितना फायदेमंद या नुकसानदायक!

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गर्मियों में सबसे अधिक लोग तरबूज खाना पसंद करते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में पानी रहता है और यह शरीर की डिहाइड्रेशन की समस्या को भी दूर करता है। तरबूज में 90% से अधिक पानी होता है जिसकी वजह से लोग गर्मी में इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो सुबह-सुबह खाली पेट भी तरबूज खाना पसंद करते हैं। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि, आखिर सुबह-सुबह तरबूज खाना शरीर के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है। तो चलिए जानते हैं आखिर खाली पेट तरबूज खाना कितना सही है और तरबूज से आखिर क्या-क्या फायदे होते हैं ?

तरबूज में होते हैं ये पोषक तत्व
सबसे पहले हम यह जानते हैं कि आखिर तरबूज में कौन से पोषक तत्व होते हैं? तो सबसे पहले बता दे कि 90% से अधिक पानी तरबूज में पाया जाता है। इसमें पोटैशियम, मैग्निशियम, विटामिन बी, नियासिन और विटामिन ए, साथ ही फाइबर पाया जाता है और यह सारे पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं। ऐसे में यदि आप तरबूज का सेवन करते हैं तो आपको एक साथ यह सारे तत्व आपको मिल जाएंगे।

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क्या खाली पेट तरबूज खा सकते हैं?
कई लोग अक्सर यह भी सवाल करते हैं कि क्या खाली पेट तरबूज खाना चाहिए? तो इस सवाल का जवाब है हां… खाली पेट तरबूज खाया जा सकता है। दरअसल, खाली पेट तरबूज खाने से इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर आसानी से अवशोषित कर लेता है। इसके अलावा खाली पेट तरबूज खाने से हाइपर एसिडिटी से भी राहत मिलती है। बता दे अधिक मात्रा में तरबूज खाने से शरीर में लाइकोपीन और पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाती है जिससे आपको डायरिया या सूजन की समस्या हो सकती है ऐसे में आप एक नियमित मात्रा में ही तरबूज को खाना पसंद करें जिससे आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

आखिर तरबूज खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
जैसा कि गर्मियों में तरबूज एक ताजगी देने वाला फल है जो शरीर को एनर्जी के साथ-साथ ठंडक भी देता है। यदि आप इसे खाली पेट खाते हैं तो इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले खास तत्व आपके शरीर को मिल जाते हैं। इसके अलावा तरबूज में फाइबर की मात्रा भी अच्छी खासी होती है जो सुबह-सुबह आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, फाइबर आपका पेट साफ करने में मदद करता है और आपकी पाचन प्रक्रिया को भी बेहतर बनाता है, साथ ही आपको कब्ज जैसी समस्या भी राहत दिलाताहै।

 

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  1. इसके अलावा जब आप सुबह-सुबह खाली पेट तरबूज खाते हैं तो आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। इसमें मौजूद लाइकोपीन आपके दिल को सेहतमंद रखते हैं साथ ही आपको स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी बड़े खतरे से भी छुटकारा मिलता है।
  2. यदि आप खाली पेट तरबूज का सेवन करते हैं तो इससे दिन भर कम भूख लगती है, साथ ही आपका वजन भी कंट्रोल रहता है। यदि आप मोटापा कम करने की सोच रहे हैं तो आपको खाली पेट तरबूज का सेवन जरूर करना चाहिए। यह कम कैलोरी और ज्यादा पानी देने वाला फल है।
  3. इसके अलावा तरबूज में विटामिन ए और सी भरपूर मात्रा में होता है जो आपकी त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है। जब आप सुबह खाली पेट तरबूज खाते हैं तो आपकी त्वचा भी काफी दमकती है और पिंपल जैसी समस्या से आपको छुटकारा मिलता है। विटामिन ए और सी आपकी त्वचा को ग्लोइंग बनाते हैं।
  4. इसके अलावा तरबूज खाने से इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है। दरअसल तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी तत्व होते हैं जो आपको ड्रॉप प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि आप इसका सुबह से सेवन करते हैं तो आपको सर्दी जुकाम और कई इंफेक्शन से यह बचा सकता है।
  5. बता दे जब आप खाली पेट तरबूज खाते हैं तो यह किडनी के लिए भी लाभकारी होता है। दरअसल, तरबूज किडनी को डिटॉक्स करता है और शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकाल देता है। सुबह सुबह खाली पेट तरबूज यूरिनेशन को बेहतर करता है और किडनी जैसी समस्याओं से आपको राहत दिलाता है।
  6. सुबह-सुबह खाली पेट तरबूज खाने से आपको इंस्टेंट एनर्जी भी मिलती है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स नेचुरल शुगर मौजूद होते हैं जो आपको दिन भर एक्टिव रखते हैं साथ ही आपके शरीर की थकान दूर करते हैं।
  7. वही डायबिटीज रोगी भी डॉक्टर के सलाह पर तरबूज का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, तरबूज में शुगर तो होता है लेकिन कम मात्रा में होता है। ऐसे में खाने से रक्त शर्करा का स्तर ज्यादा नहीं बदलता। यही वजह है कि डायबिटीज रोगी डॉक्टर की सलाह पर तरबूज का सेवन कर सकते हैं।

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बिहार पुलिस SI भर्ती के लिए निकले आवेदन, अंतिम तारीख से पहले करें पंजीकरण, जानिए इसकी चयन प्रक्रिया?

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बिहार के बच्चों के लिए खुशखबरी सामने आई है। जो बच्चे पुलिस की नौकरी पर अपने नजरे बिछाए बैठे है उन बच्चों के इंतजार की घड़ी अब खत्म हो चुकी है। दरअसल, बिहार पुलिस सेवा आयोग बीपीएससी ने परिवहन विभाग के लिए एनफोर्समेंट सब इंस्पेक्टर के पदों पर भारती की घोषणा की है। जी हां.. ये उम्मीदवार bpssc.bih.nic.in वेबसाइट पर जाकर अपने आवेदन को भर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर आवेदन के अंतिम तिथि क्या है और इसकी भर्ती प्रक्रिया कितने चरणों में होगी, साथ ही इसकी मेंस और प्रेलिम्स परीक्षा कब होगी?

कौन भर सकता है फॉर्म?
सबसे पहले हम आपको यह बता दे की आवेदन कर रहे हो उम्मीदवारों के पास 1 अगस्त 2025 तक न्यूनतम शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए। यह किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष डिग्री होना अनिवार्य है। खास बात यह है कि पुरुष और महिला के अलावा ट्रांसजेंडर भी आवेदन कर सकते हैं। बता दें, बिहार पुलिस में एनफोर्समेंट सब इंस्पेक्टर के 33 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चालू है। इसके फॉर्म आज से यानिकि 31 मई से भरने शुरू हो जाएंगे, वहीं आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 है। अगर आप इस भर्ती के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो बिना देर किए आवेदन कर सकते हैं ताकि आपको इसमें बैठने का मौक मिल सके।

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कैसी रहेगी शारीरिक दक्षता?
यदि बात की जाए इसके फिजिकल टेस्ट के बारे में तो शारीरिक मानक में पुरुष के लिए ऊंचाई 165 सेंटीमीटर रखी गई है जबकि महिलाओं के लिए 150 सेंटीमीटर रखी गई है। वहीं पुरुषों के लिए सीने की माप 79 सेंटीमीटर, वो भी बिना फुलाए और फुलाकर 84 सेंटीमीटर रखी गई है। वहीं महिलाओं के लिए सीने की कोई मानक नहीं है। शारीरिक दक्षता परीक्षा में पुरुषों को करीब 25 किलोमीटर जबकि महिलाओं को 24 किलोमीटर 4 घंटे में पूरा करना होगा तभी वे फिजिकल टेस्ट में पास हो सकेंगे।

कितनी रहेगी आयु सीमा?
इसके अलावा बात की जाए इसकी आयु सीमा के बारे में तो पद के लिए उम्मीदवारों की उम्र सीमा अनरक्षित श्रेणी के पुरुषों के लिए 21 से 37 वर्ष है जबकि महिलाओं के लिए 20 से 40 वर्ष रखी गई है। यदि बात की जाए पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पुरुष और महिलाओं के बारे में तो उनकी उम्र 21 से 40 वर्ष तक की सीमा रखी गई है। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 21 से 42 वर्ष तक उम्र निर्धारित की गई है। यदि आपकी उम्र इस हिसाब से हैं तो आप इस पद के लिए आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।

कैसी होगी परीक्षा प्रक्रिया?
अब बात करते हैं परीक्षा के चयन प्रक्रिया के बारे में तो बता दे इसके तीन मुख्य चरण होंगे। सबसे पहले आपको प्रारंभिक में लिखित परीक्षा देनी होगी। इसके बाद आपको मुख्य लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा। इसके बाद आपका फिजिकल टेस्ट लिया जाएगा। बता दे लिखित परीक्षा में सभी प्रश्न बहुविकल्प होंगे जिसमें आपको कम से कम 30% अंक लाना बहुत जरूरी है। इससे कम लाने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए असफल मान जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि दोनों लिखित परीक्षाओं में आपके द्वारा दिए गए गलत उत्तर के लिए 0.2 अंक काटे भी जाएंगे। ऐसे में अब आप इसके कटऑफ का भी अंदाजा लगा सकते हैं।

बता दे भर्ती के अंतिम परिणाम में मुख्य लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल है। इन दोनों के ही अंकों के आधार पर आपकी मेरिट लिस्ट तैयार होगी। इसके अलावा फिजिकल टेस्ट में केवल आपका पास होना जरूरी है। यदि आप यह तीनों पड़ाव पार कर लेते हैं तो आपके कंधों पर वर्दी होगी।

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कितना लगेगा आवेदन शुल्क?
बात की जाए इस परीक्षा के आवेदन शुल्क के बारे में तो रूप में बिहार के मूल निवासी पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पुरुषों और राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों से 700 फीस ली जाएगी, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों से ₹400 रुपए फीस निर्धारित की गई है।

कैसे कर सकते हैं आवेदन?

  1. इसके लिए आपको सबसे पहले इसकी आधिकारिक वेबसाइट bpssc.bih.nic.in पर जाना होगा। इसके बाद आप फार्म की दी गई भी लिंक पर क्लिक करें।
  2. लिंक पर क्लिक करने के बाद ही आपको एक खाली फॉर्म दिखाई देगा जिसमें आपको अपनी निजी जानकारियां भरनी होगी।
  3. इसके साथ ही आप हस्ताक्षर के साथ इस फॉर्म को सबमिट कर दे।
  4. इस दौरान आप अच्छे से फॉर्म को चेक कर ले कि आपने इसमें कोई गलत जानकारी तो नहीं भरी है, इसके बाद इसे सबमिट करें।
  5. अब आप इसकी एक प्रतिलिपि अपने पास रखें। जब भी आप एग्जाम देने जाए तो इसके माध्यम से आप अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर ले।

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गुजरात टायटंस की हार पर रोता-बिलखता दिखा बच्चा, शुभमन गिल की बहन के भी छलके आंसू, जानें क्यों मुंबई से हारे?

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आईपीएल 2025 के एलिमिनेटर मैच में गुजरात टाइटंस को 20 रन से हार का सामना करना पड़ा। बता दे मल्लापुर के महाराजा यादवेंद्र सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस का आमना सामना हुआ था लेकिन इसी बीच 20 रन से गुजरात टाइटंस हार गई है और इसी साथ उसका आईपीएल 2025 का सफर खत्म हो गया। हार के बाद स्टेडियम में मौजूद लोग भावुक नजर आए। वही शुभमन गिल की बहन शहनील गिल भी रोती हुई दिखाई दी तो गुजरात टाइटंस के हेड कोच आशीष नेहरा के बेटे रोते हुए दिखाई दिए। उनकी भावुक तस्वीरों ने हर किसी का दिल जीत लिया, हालांकि गुजरात टाइटंस इस साल का खिताब अपने नाम नहीं कर पाई।

शहनील को दिया सहारा तो बच्चे को भी कराया चुप
वायरल तस्वीर में मैच के अंतिम गेंद के बाद आशीष नेहरा के बेटे को बिलख-कर रोते हुए देखा जा सकता है। जहां उनकी तस्वीर को देखकर कई लोग भावुक हो गए तो उन्हें सांत्वना देते हुए भी नजर आए। इसी दौरान शुभमन गिल की बहन शहनील की भी आंखों से आंसू छलक पड़े। इस दौरान उनके साथ आए फ्रेंड्स उनकी उनकी हिम्मत बढ़ाते हुए दिखाई दिए। गौरतलब है कि गुजरात टाइटंस की यह लगातार तीसरी हार थी, इससे पहले उन्हें अपने अंतिम लीग स्टेज मुकाबले में लखनऊ सुपरजाइंट्स और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ भी हार का स्वाद चखना पड़ा था।

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कैसा ऐसा रहा गुजरात का आखिरी मैच?
बता दे इस मैच में मुंबई ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में पांच विकेट पर 228 रन का आंकड़ा तय किया था। इसके बाद गुजरात की टीम ने 20 ओवर में 6 विकेट पर 208 ही रन बनाकर सिमट गई और टीम को हार मिली। इस दौरान साईं सुदर्शन ने अपने 81 रन की शानदार पारी खेली लेकिन उनके संघर्ष को खास मुकाम नहीं मिल पाया। उनकी पारी टीम के किसी काम नहीं आ पाई।

वही इस सीजन में शुभमन की शानदार कप्तानी ने लोगों का दिल जीता। उन्होंने बेहतरीन तरीके से अपनी टीम को खेलने का मौका दिया लेकिन टीम को खिताब दिलाने में नाकामयाब रहे। बता दे शुभमन गिल ने सीजन में 15 मैचों में 650 रन बनाए जिसमें 6 अर्धशतक शामिल रहे। वही साईं ने 108 रन बनाए जबकि साईं का बेस्ट प्रदर्शन 93 रन रहा।

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हारने पर क्या बोले शुभमन गिल?
जब मुंबई इंडियंस से हारने के बाद शुभमन गिल से सवाल किए गए तो उन्होंने हार मिलने का कारण भी बताया। इस दौरान शुभमन गिल ने कहा कि, “हमें अच्छा खेल दिखाया, लेकिन आखिर के 3-4 ओवर हमारे पक्ष में नहीं गए, लेकिन फिर भी ये एक शानदार मैच था। हमने अपने 3 विकेट आसानी से गंवा दिए। गेंदबाजों के लिए नियंत्रण आसान नहीं था, लेकिन जब आप 3 कैच छोड़ते हैं तो इससे कोई मदद नहीं मिलती। साई और वाशिंगटन के लिए आसान संदेश था कि आप जीतने के लिए खेलें। ओस की वजह से विकेट हमारे लिए थोड़ा आसान हो गया। निश्चित रूप से हमारे लिए बहुत सारी सकारात्मक बातें हैं। पिछले 2-3 मैच हमारे पक्ष में नहीं रहे, लेकिन सभी खिलाड़ियों को श्रेय जाता है, खासकर साई को वह इस सीजन में हमारे लिए बहुत बढ़िया रहे। इस पिच पर 210 रन हमारे लिए पार स्कोर होता।”

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बता दें, आईपीएल के बाद अब शुभमन गिल 5 दिवसीय इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाले हैं। इस मैच के लिए बीसीसीआई ने शुभमन को कप्तान के रूप चुना है, अब ऐसे में फैंस को शुभमन से काफी उम्मीदें हैं। देखते हैं आखिर शुभमन विदेशी दौरे पर कितना दम-खम दिखा पाते हैं।

वहीं एलिमिनेटर में जीत ने मुंबई इंडियंस को क्वालिफाइड-2 में पहुंचा दिया है जहां उसका सामना अब 1 जून 2025 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पंजाब किंग्स से होने वाला है। अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर फाइनल में कौन पहुंचता है और कौन सी टीम इस साल की ट्रॉफी अपने नाम करती है?

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दिल्ली में बीजेपी सरकार के 100 दिन- खोखले दावे और उपेक्षित जनसमस्याएं, चल रही केवल बहानेबाजी!

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दिल्ली: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 27 वर्षों के लंबे राजनीतिक वनवास के बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की। यह अवसर एक ऐतिहासिक मोड़ कहा जा सकता है। परंतु 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार द्वारा किए जा रहे आत्मश्लाघा के प्रदर्शन के बीच ज़रूरी है कि हम जमीनी सच्चाई को भी उजागर करें। क्योंकि किसी भी सरकार का मूल्यांकन वादों से नहीं, जनता के जीवन में आए सुधार से होना चाहिए।

बुनियादी ढांचे की दुर्दशा- पुराने ढांचे पर नई चुप्पी

राजधानी में सड़कों की स्थिति, सीवर प्रणाली की खस्ताहाली, जलभराव की नियमित समस्या, प्रदूषण , यातायात समस्या, दूषित पेयजल आपूर्ति और कचरा प्रबंधन इत्यादि में एक प्रतिशत भी सुधार नहीं हुआ है।

सड़कों की मरम्मत और नियमित देखरेख गायब है।

सीवर ओवरफ्लो और बारिश के समय जलभराव अब भी आम बात है। दूषित जल आपूर्ति से स्वास्थ्य संकट की स्थिति बनी रहती है। प्रदूषण नियंत्रण पर कोई ठोस रणनीति अभी तक सामने नहीं आई है। इतनी स्पष्ट विफलताओं के बावजूद सरकार अपनी नाकामियों को पिछली सरकारों के मत्थे मढ़ रही है। क्या ये इस बात का संकेत नहीं कि सरकार के पास न अपना कोई विज़न है, न ही कोई मिशन?

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शिक्षा – सरकार की संवेदनहीनता की सबसे बड़ी मिसाल
दिल्ली के निजी स्कूलों द्वारा छात्रों और अभिभावकों का शोषण सरकार की निष्क्रियता और निजी संस्थानों से सांठगांठ को दर्शाता है। डीपीएस द्वारका और अन्य कई सैकड़ों स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने संगठित विरोध किया। मीडिया और सोशल मीडिया पर जबरदस्त कवरेज के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री केवल कैमरे के सामने बयानबाज़ी और दिखावटी बैठकें करते रहे। यहां तक कि जब डीएम स्तर की जांच में स्कूल दोषी पाए गए, तब भी न स्कूल पर कार्रवाई हुई, न ही बच्चों को राहत दी गई।राजनीतिक श्रेय की होड़ में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने राहत का श्रेय भी खुद ले लिया, जबकि राहत अदालत द्वारा दी गई थी।

एक बड़ा प्रश्न उठता है:

  1. क्या सरकार, शिक्षा निदेशालय और निजी स्कूलों के बीच कोई आंतरिक गठबंधन तो नहीं?
  2. फीस नियंत्रण विधेयक- जन भावनाओं का दमन

बीजेपी सरकार द्वारा प्रस्तावित नया शिक्षा शुल्क नियंत्रण विधेयक पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी है:

1. बिना अभिभावकों की राय लिए, बिल को सीधे प्रेस कांफ्रेंस में पेश किया गया।

2. मीडिया को यह झूठा संदेश दिया गया कि “ अभिभावक बहुत खुश हैं। ”

3. जब दिल्ली के हजारों अभिभावकों ने इसका प्रबल विरोध किया, न तो सरकार ने इसे पब्लिक डोमेन में डाला न ही 30 दिन की चर्चा का अवसर दिया गया

4. अब आनन-फानन में ऑर्डिनेंस लाने की योजना बनाई जा रही है। यह सरकार की तानाशाही सोच और पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है।

जनता के विरोध की अनदेखी- प्रशासनिक अहंकार?

दिल्ली के अभिभावकों द्वारा:

मुख्यमंत्री
विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा सचिव
शिक्षा मंत्री

लीडर ऑफ ऑपोजिशन इत्यादि को ईमेल और ज्ञापन के माध्यम से बार-बार विरोध दर्ज कराया जा रहा है। परंतु सरकार ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया। यदि यही स्थिति रही, तो अभिभावक और जन संगठन अदालत का रुख करेंगे।

राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय महासचिव महेश मिश्रा ने एक बड़ा सवाल उठाया है: “जब दिल्ली में न्याय केवल अदालतों से ही मिलना है, तो सरकार की क्या आवश्यकता? क्या यह बेहतर नहीं होगा कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए?”

उन्होंने कहा: जब विधायक केवल वेतन लेने और पुराने शासन को दोष देने में व्यस्त हैं, जब हर समस्या अदालत के हवाले की जाती है, जब कोई ठोस नीति और जनकल्याण की योजनाएं सामने नहीं आ रही हैं, तो लोकतंत्र केवल एक औपचारिकता बन कर रह जाता है। सरकार को आत्ममंथन की आवश्यकता है, उत्सव की नहीं।

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बीजेपी सरकार के पहले 100 दिन:

  1. कोई नीति आधारित पहल नहीं
  2. कोई ढांचागत सुधार नहीं
  3. कोई जनसमस्याओं का समाधान नहीं
  4. सिर्फ बयानबाज़ी, प्रचार और पूर्ववर्ती सरकारों को दोष।
  5. दिल्ली की जनता ने परिवर्तन के लिए मतदान किया था, बहानों के लिए नहीं।

हमारी मांगें:

1. निजी स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।

2. प्रस्तावित फीस नियंत्रण विधेयक को सार्वजनिक किया जाए।

3. डीपीएस द्वारका/रोहिणी, एपीजे साकेत, शेख सराय, समेत दिल्ली के सभी निजी स्कूलों में पीड़ित अभिभावकों को राहत दी जाए।

4. जनहित के विषयों सड़क, सीवर, दूषित पेयजल आपूर्ति, प्रदूषण, यातायात समस्या, यमुना सफाई, कूड़ा कचरा निस्तारण इत्यादि पर सरकार पारदर्शिता और भागीदारी सुनिश्चित करे।

5. विफल सरकार के विकल्प के रूप में राष्ट्रपति शासन पर गंभीरता से विचार किया जाए क्योंकि पिछले दिनों सरकार द्वारा कोई भी राहत न प्राप्त होने पर अभिभावकों ने देश के संवैधानिक सर्वोच्च पदाधिकारियों राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से करुणामई गुहार लगाई थी जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अब उनको सरकार एवं प्रशासन पर विश्वास नहीं है।

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