सांसद का प्रत्याशी बदला तो राजरानी रावत सबसे मजबूत दावेदार।
आरक्षित सीट पर हाईकमान के पास साफ-सुथरी छवि के विकल्प कम
भाजपा कैसे करेगी डैमेज कंट्रोल बनी बड़ी चुनौती।
शोभित शुक्ला बाराबंकी। जिले की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जब अपने प्रत्याशी के नाम का एलान किया तो पार्टी ने मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया। हालांकि नाम ऐलान होने के अगले ही दिन उनका एक कथित वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद बीजेपी नेता ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। हालांकि संभावना इस बात की है कि बीजेपी इस बार भी रावत समाज से ही प्रत्याशी बनाएगी। लेकिन अभी बीजेपी के अंदर खाने में क्या चल रहा है और या डैमेज कंट्रोल कैसे किया जाए यह एक बड़ी चुनौती है।
अयोध्या सहित पूर्वांचल का प्रवेश द्वार
अयोध्या सहित पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहलाए जाने वाले इस जिले की आरक्षित लोकसभा सीट पर बड़ी अजीब स्थिति बनी हुई है। कहां जा रहा है कि यहां एक बार फिर उपेंद्र रावत दोबारा चुनाव लड़ सकते है। लेकिन जनपद वासियों की राय है कि राजरानी रावत एक महिला प्रत्याशी है। जोकि सांसद उपेंद्र रावत के बाद सबसे मजबूत प्रत्याशी है। वह पूर्व में दो बार कुर्सी विधानसभा से विधायक रह चुकी है। इस दौरान देखा गया कि कभी भी उनका ठेका पट्टी में दखल नहीं रहा। वर्तमान में वह सबसे ईमानदार व स्वच्छ छवि रहने की सफल नेत्री है।
राजरानी का नहीं है कोई वारिस
जिले की राजरानी रावत एक ऐसी नेता है जिनका कोई भी वारिस नहीं है। ऐसे में उनके द्वारा जनसेवा को प्राथमिकता देने की बात बताई जा रही है। इनके नाम पर अब तक कोई प्रॉपर्टी व लग्जरी गाडियां भी नही है। एक तरह से यह नेत्री प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के पदचिन्हो पर चलने वाली महिला है। जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी का कोई वारिस नहीं है। इसी तरह राजरानी का भी कोई वारिस नहीं है।
पार्टी तलाश रही साफ सुथरी छवि
भारतीय जनता पार्टी के अंदर खाने की बात को माने तो शीर्ष नेतृत्व को जिले में एक साफ सुथरी छवि के नेता की तलाश है। जोकि राजरानी रावत के रूप में प्रथम दृष्टया दिखाई देती है। अन्य दावेदारों में पूर्व जिला अध्यक्ष शशांक कुसुमेश है। जिन्हें पार्टी ने जिला अध्यक्ष पद से हटाया है। एक और दावेदार आरती रावत मौजूदा समय में ब्लॉक प्रमुख है और इनके पति विधायक है । इनके नाम पर कार्यकर्ताओ में परिवारवाद का संदेश जाने से इनकी दावेदारी कमजोर हो गई है। इसके अलावा पूर्व सांसद प्रियंका रावत के नाम की चर्चा भी है। लेकिन हाल फिलहाल मौजूदा सांसद के कथित वीडियो वायरल होने पर अंदरखाने प्रियंका रावत पर ही लोग आशंका जता रहे है। जिससे इनकी भी दावेदारी पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा है।