यूपीएस और एनपीएस: केंद्र सरकार का नया कदम
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प होगी। यूपीएस का उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
यूपीएस को एनपीएस के मुकाबले बेहतर बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं, जैसे फंड निवेश का अधिक लचीलापन और सरकार का बढ़ा हुआ योगदान।
यूपीएस की शुरुआत और नियम
यूपीएस का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, और इसकी गाइडलाइन दिसंबर तक जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद, कर्मचारियों को 31 मार्च 2025 तक एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। नई योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
यूपीएस को खास बनाते हैं ये फायदे
1. 100% फंड निवेश का विकल्प
यूपीएस में कर्मचारियों को उनके पेंशन फंड की 100% राशि निवेश करने की अनुमति दी जाएगी।
- एनपीएस में सीमा: एनपीएस में केवल 50% राशि निवेश करने का विकल्प मिलता है।
- यूपीएस में लचीलापन: कर्मचारी अपने फंड को अधिकतम लाभ के लिए निवेश कर सकते हैं।
2. रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि का विकल्प नहीं
एनपीएस में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को 60% राशि एकमुश्त मिलती है, जबकि शेष 40% से पेंशन बनती है।
- यूपीएस में बदलाव: यूपीएस में पूरी राशि का उपयोग पेंशन बनाने के लिए होगा।
सरकार का योगदान: एनपीएस बनाम यूपीएस
यूपीएस में सरकार का योगदान बढ़ा दिया गया है।
- एनपीएस में योगदान: सरकार 14% योगदान करती है।
- यूपीएस में योगदान: यह बढ़कर 18.50% हो जाएगा।
- कुल राशि: यूपीएस में कुल 28.50% राशि पेंशन फंड में जाएगी, जो एनपीएस के 24% से अधिक है।
यूपीएस में पूल फंड का लाभ
यूपीएस में एक नया 8.50% पूल फंड जोड़ा गया है।
- इसका उद्देश्य:
- यदि कर्मचारी की पेंशन उसके अंतिम वेतन के 50% से कम होती है, तो यह राशि कमी को पूरा करेगी।
- उदाहरण: यदि किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹1,00,000 है और उसकी पेंशन ₹46,000 बनती है, तो शेष ₹4,000 पूल फंड से दिया जाएगा।
परिवार को मिलेगा फायदा
कर्मचारी की मृत्यु के बाद, उसकी पत्नी को पेंशन का विकल्प मिलेगा।
- यदि पत्नी एकमुश्त राशि चाहती है, तो उसे पूल फंड की राशि मिलेगी।
- पत्नी की मृत्यु के बाद, पूल फंड की पूरी राशि आश्रितों को दी जाएगी।
एनपीएस बनाम यूपीएस: कौन सी योजना बेहतर?
1. रिटर्न की तुलना
- एनपीएस: इसमें निवेश के रिटर्न अनिश्चित होते हैं।
- यूपीएस: इसमें बेहतर और निश्चित पेंशन का प्रावधान है।
2. सरकार का योगदान
यूपीएस में सरकार का योगदान एनपीएस के मुकाबले अधिक है, जिससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिलेगा।
3. पेंशन की राशि
- एनपीएस में पेंशन का गणना मॉडल जटिल है।
- यूपीएस में कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में सुनिश्चित किया जाएगा।
4. लचीलापन
यूपीएस कर्मचारियों को निवेश में अधिक लचीलापन प्रदान करता है, जो एनपीएस में सीमित है।
क्या यूपीएस पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) जितनी फायदेमंद है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यूपीएस एनपीएस के मुकाबले बेहतर है, लेकिन यह ओपीएस जितनी फायदेमंद नहीं है।
- ओपीएस का लाभ: यह कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 100% पेंशन के रूप में प्रदान करती थी।
- यूपीएस का फायदा: इसमें अधिक पेंशन और निवेश लचीलापन मिलता है।
एनपीएस या यूपीएस: किसे चुनें?
कर्मचारियों को अपनी वित्तीय स्थिति और रिटायरमेंट की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एनपीएस या यूपीएस का चयन करना चाहिए।
- यदि लचीलापन चाहिए: तो यूपीएस बेहतर विकल्प है।
- यदि एकमुश्त राशि चाहिए: तो एनपीएस उपयुक्त है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस), एनपीएस का एक बेहतर विकल्प है, जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक सुरक्षा और निवेश के बेहतर विकल्प प्रदान करता है। हालांकि, यह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) जितनी लाभदायक नहीं है, लेकिन यह एनपीएस की कमियों को पूरा करता है।
कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिए गए एनपीएस और यूपीएस के विकल्पों को अच्छी तरह समझकर अपनी जरूरतों के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।