लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने घोषणा की है कि विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 की द्वितीय किश्त के रूप में 12 अरब 30 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है। यह धनराशि प्रदेश के दोनों सदनों के सदस्यों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए प्रदान की गई है।
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Toggleविकास कार्यों की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश शासन के ग्राम्य विकास विभाग ने इस संबंध में आवश्यक शासनादेश पहले ही जारी कर दिया था। इस धनराशि का उपयोग विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार किया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कदम प्रदेश में विकास कार्यों को और तेज गति देने के लिए उठाया गया है।
विकास कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान
जारी शासनादेश में मुख्य विकास अधिकारियों (CVOs) को निर्देश दिए गए हैं कि धनराशि का उपयोग केवल तय प्रावधानों और दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाए। विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित मुख्य विकास अधिकारी पर होगी। इसके साथ ही, धनराशि का आहरण डीआरडीए (डिस्ट्रिक्ट रूरल डेवलपमेंट एजेंसी) के डिपॉजिट खाते में किया जाएगा और इसका उपयोग शासनादेश के अनुसार ही होगा।
वित्तीय वर्ष की पहली किश्त पहले ही जारी
इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम किश्त की धनराशि 12 अरब 27 करोड़ 50 लाख रुपये (GST सहित) 2 जुलाई 2024 को जारी की जा चुकी है। इसके अलावा, 14 अगस्त 2024 को नोडल जनपद बरेली के लिए 2.5 करोड़ रुपये (GST सहित) भी स्वीकृत किए गए थे।
मुख्य विकास अधिकारियों को सख्त निर्देश
ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे धनराशि के उपयोग में शासनादेशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, प्रत्येक विधानसभा/विधान परिषद सदस्य को उनके क्षेत्र से संबंधित धनराशि की जानकारी और शासनादेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए।
विकास कार्यों में तेज़ी से क्या होगा लाभ?
विकास कार्यों के लिए द्वितीय किश्त जारी होने से प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में अधूरे प्रोजेक्ट पूरे होने में मदद मिलेगी। इसके अलावा:
- नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी: स्वीकृत धनराशि से नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने में सहूलियत होगी।
- स्थानीय रोजगार में वृद्धि: विकास कार्यों से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
- ग्राम्य क्षेत्रों में सुधार: विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।
निधि का सही उपयोग सुनिश्चित
केशव प्रसाद मौर्य ने इस बात पर जोर दिया कि निधि का उपयोग पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ किया जाए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि धनराशि का व्यय तय मार्गदर्शी सिद्धांतों के तहत ही हो।
उत्तर प्रदेश का विकास सरकार की प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम यह स्पष्ट करता है कि राज्य में बुनियादी ढांचे और क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि का सही उपयोग करके न केवल जनप्रतिनिधियों के वादों को पूरा किया जाएगा, बल्कि प्रदेश में समग्र विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय लोगों की भूमिका
मुख्य विकास अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर परियोजनाओं का क्रियान्वयन हो। स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं में लोगों की भागीदारी विकास को और भी प्रभावी बनाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 12 अरब 30 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करना राज्य के विकास कार्यों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। विकास कार्यों की इस तेज़ रफ्तार से न केवल प्रदेश में जनहितकारी योजनाएं पूरी होंगी, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
“उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाना योगी सरकार की प्राथमिकता है।”
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