दिल्ली में बीजेपी के लिए सत्ता हासिल करना आसान नहीं है। पिछले आठ विधानसभा चुनावों और तीन मेट्रोपॉलिटन काउंसिल चुनावों के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि दिल्ली में सत्ता पाने के लिए 47 प्रतिशत से अधिक वोट पाने वाली पार्टी ही बहुमत हासिल कर पाई है। बीजेपी को दिल्ली में सत्ता प्राप्त करने के लिए अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाना होगा। पिछले दो चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है। इस रिपोर्ट में हम देखेंगे कि बीजेपी के लिए दिल्ली में सत्ता हासिल करना कितना मुश्किल है और इसके लिए पार्टी को कौन से कदम उठाने होंगे।

दिल्ली में बीजेपी की राह आसान नहीं
दिल्ली में बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी एक बड़ी चुनौती है। इस चुनावी गणित को समझने के लिए हमें पिछले चुनावों के आंकड़ों पर गौर करना होगा। पिछले आठ दिल्ली विधानसभा चुनावों में और तीन मेट्रोपॉलिटन काउंसिल चुनावों में यह देखा गया है कि जो भी पार्टी 47 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करती है, वही पार्टी बहुमत प्राप्त करती है। हालांकि, बीजेपी कभी भी 42.82 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने में सफल नहीं रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों का इतिहास: बीजेपी का प्रदर्शन
बीजेपी ने दिल्ली में 26 वर्षों से सत्ता से बाहर है और इस दौरान पार्टी ने हर चुनाव में एक मजबूत दावेदार के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। वर्ष 1993 में भाजपा ने 42.82 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे, लेकिन इसके बाद पार्टी का वोट प्रतिशत 40 प्रतिशत के आस-पास ही रहा है।
1993 में बीजेपी का प्रदर्शन:
वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 42.82 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे, लेकिन पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया। इसके बाद कांग्रेस ने 34.48 प्रतिशत वोट हासिल किया, और जनता दल ने 12.65 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था, जो कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाकर बीजेपी के लिए मददगार साबित हुआ था।
2008 में कांग्रेस की जीत:
वर्ष 2008 में कांग्रेस ने 40.31 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि बीजेपी ने 36.34 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। इस चुनाव में बीएसपी ने 14.05 प्रतिशत वोट हासिल किए, जिससे कांग्रेस को बहुमत प्राप्त करने में मदद मिली, जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत खास नहीं बढ़ पाया।
बीजेपी को क्या करना होगा?

दिल्ली में बीजेपी को सत्ता में वापसी के लिए अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाना होगा। पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 54.34 प्रतिशत और 53.57 प्रतिशत वोट हासिल कर एकतरफा जीत दर्ज की थी। बीजेपी को दिल्ली की राजनीति में प्रभावी बदलाव लाने के लिए अपनी रणनीति को बेहतर करना होगा। पार्टी को मतदाताओं के बीच अपनी छवि को मजबूत करना होगा और पार्टी के वादों को स्पष्ट रूप से जनता तक पहुंचाना होगा।
बीजेपी के लिए चुनौतियां
बीजेपी को दिल्ली में सत्ता में वापसी के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह दिल्ली में अपने मत प्रतिशत को कैसे बढ़ाएगी। पार्टी को चुनावी प्रचार में अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा और जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके अलावा, पार्टी को राज्य के विकास कार्यों पर भी फोकस करना होगा, ताकि वोटरों को यह विश्वास हो कि बीजेपी उनके लिए बेहतर विकल्प है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी का प्रभाव
आम आदमी पार्टी (AAP) पिछले दो चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल कर चुकी है। 2015 और 2020 में पार्टी ने 54.34 प्रतिशत और 53.57 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि दिल्ली में आप की पकड़ बहुत मजबूत है। पार्टी के लिए इस बार चुनौतियां पहले से ज्यादा होंगी, क्योंकि उसे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कई वादों को पूरा करना होगा।
2015 और 2020 में आप की जीत:
2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों के साथ जबरदस्त जीत दर्ज की थी। पार्टी ने 54.34 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे। इसके बाद 2020 में भी आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की और 53.57 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। पार्टी का यह प्रदर्शन बताता है कि दिल्ली में आप की स्थिति मजबूत है और बीजेपी को सत्ता में वापसी के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
दिल्ली में बीजेपी के लिए मुकाबला
बीजेपी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से मुकाबला करना है। कांग्रेस ने भी एक बार छोड़कर तीन बार 47 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त किए थे, लेकिन बीजेपी कभी भी इस आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई। इस बार चुनावी दंगल में बीजेपी को जीतने के लिए अपनी रणनीति को और अधिक प्रभावी बनाना होगा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति
बीजेपी को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में अपनी रणनीति को एक नए तरीके से बनाना होगा। पार्टी को अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए वोटरों के बीच विश्वास और समर्थन बढ़ाने के लिए जनहित में काम करना होगा। इसके साथ ही, बीजेपी को अपनी चुनावी घोषणा पत्र में भी स्पष्ट और मजबूत वादे करने होंगे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 बीजेपी के लिए एक चुनौतीपूर्ण मुकाबला साबित हो सकता है। पार्टी को अपने मत प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अपने चुनावी अभियान को फिर से मजबूत करना होगा। इसके लिए बीजेपी को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा और दिल्ली के मतदाताओं के बीच अपनी छवि को बेहतर बनाना होगा। साथ ही, बीजेपी को आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत के मुकाबले अपने कार्यों और वादों से मतदाताओं को प्रभावित करना होगा। इस बार दिल्ली की सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी को कड़ी मेहनत करनी होगी और अपनी रणनीतियों को सफलतापूर्वक लागू करना होगा।
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