Delhi Election 2025: त्रिकोणीय मुकाबला, AAP के सामने क्या है चुनौती? BJP का रिकॉर्ड हैरान करेगा

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। मतदान 5 फरवरी को होगा और मतगणना 8 फरवरी को की जाएगी। इस बार का चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बेहद दिलचस्प होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर उभर रही है। आइए जानते हैं कि इस चुनाव में मुख्य दलों के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: AAP के लिए सत्ता बचाने की चुनौती
आम आदमी पार्टी (AAP) इस बार लगातार चौथी बार सत्ता में आने का प्रयास कर रही है। पार्टी ने अपने सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, आतिशी, गोपाल राय जैसे प्रमुख नेता मैदान में हैं। महिलाओं के लिए 2,100 रुपये प्रति माह और बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवा जैसे वादों के सहारे AAP जनता का समर्थन पाने की कोशिश कर रही है।
केजरीवाल का गढ़: नई दिल्ली सीट
AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और BJP ने प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। यह मुकाबला बेहद रोचक होने की उम्मीद है।
कालकाजी से आतिशी की दावेदारी
मुख्यमंत्री पद की संभावित उम्मीदवार आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस की अलका लांबा और BJP के रमेश बिधूड़ी चुनावी जंग में उतर रहे हैं। यह सीट इस बार चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
जंगपुरा से सिसोदिया का मैदान बदलना
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस बार पटपड़गंज के बजाय जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ फरहाद सूरी और BJP ने तरविंदर सिंह मारवाह को मैदान में उतारा है।
BJP: 27 साल का वनवास खत्म करने की कोशिश
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। पार्टी 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर है और इस बार सत्ता में वापसी के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में सभी सात सीटें जीतने के बावजूद विधानसभा चुनावों में पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी थी।
प्रवेश वर्मा बनाम केजरीवाल
नई दिल्ली सीट पर BJP ने प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। प्रवेश वर्मा को केजरीवाल के खिलाफ जीत दर्ज करने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
कालकाजी में रमेश बिधूड़ी की चुनौती
कालकाजी सीट पर BJP ने रमेश बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया है। यह सीट आतिशी और अलका लांबा के साथ BJP के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है।
दल बदलने वाले नेताओं पर भरोसा
BJP ने अपनी पहली सूची में सात ऐसे नेताओं को टिकट दिया है जो दूसरे दलों से आए हैं। इससे पार्टी के रणनीतिक दृष्टिकोण का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कांग्रेस: खोई हुई जमीन पाने की कोशिश
कांग्रेस दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश कर रही है। 1998 से 2013 तक लगातार सत्ता में रही कांग्रेस, 2013 के चुनाव में केवल आठ सीटों पर सिमट गई थी। पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका।
संदीप दीक्षित बनाम केजरीवाल
नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को केजरीवाल के खिलाफ उतारा है। शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित पार्टी के लिए एक मजबूत चेहरा हैं।
महिलाओं के लिए विशेष घोषणा
कांग्रेस ने महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये देने का वादा किया है। यह वादा AAP की योजनाओं को टक्कर देने के लिए किया गया है।
त्रिकोणीय मुकाबला: क्या है खास?
इस बार का चुनाव इसलिए खास है क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद AAP और कांग्रेस अब एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं। पिछली बार दोनों दलों ने मिलकर BJP का मुकाबला किया था। इस बार उनकी रणनीतियां पूरी तरह बदल चुकी हैं।
चुनावी मुद्दे
- महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता
- बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं
- बिजली, पानी और शिक्षा पर योजनाएं
- रोजगार और महंगाई जैसे बड़े मुद्दे
चुनाव का असर: कौन बनेगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री?
दिल्ली चुनाव 2025 का परिणाम यह तय करेगा कि राजधानी में अगली सरकार किसकी बनेगी। BJP अपने 27 साल के वनवास को खत्म करने की कोशिश कर रही है। वहीं, AAP सत्ता बचाने और कांग्रेस अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा पाने के लिए प्रयासरत है। चुनाव परिणाम से यह भी तय होगा कि राष्ट्रीय राजनीति में इन दलों का क्या स्थान होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 राजनीतिक दृष्टि से बेहद रोचक और चुनौतीपूर्ण है। त्रिकोणीय मुकाबले में जहां AAP सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं BJP और कांग्रेस अपनी खोई जमीन को पाने के लिए कमर कस चुकी हैं। 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को मतगणना के साथ यह साफ हो जाएगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना अगला मुख्यमंत्री चुनती है।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।