उन्नाव में शख्स ने तोड़ा महाभारत कालीन ऐतिहासिक शिवलिंग, सामने आई ये वजह

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में स्थित बिल्लेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। मंदिर में मौजूद एक ऐतिहासिक शिवलिंग क्षतिग्रस्त पाया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोग इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और मामले की जांच जारी है। आरोपी ने अपनी पत्नी की बीमारी को कारण बताते हुए इस कृत्य को अंजाम दिया।
बिल्लेश्वर महादेव मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
बिल्लेश्वर महादेव मंदिर उन्नाव जिले के पुरवा-मौरावां मार्ग पर स्थित है और यह एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह शिवलिंग महाभारत काल का है, और भगवान कृष्ण और अर्जुन ने हस्तिनापुर से अपनी यात्रा के दौरान यहां विश्राम किया था। इस धार्मिक स्थल के प्रति श्रद्धा और विश्वास की कोई कमी नहीं है, और यह मंदिर भक्तों के बीच एक विशेष स्थान रखता है।
शिवलिंग के क्षतिग्रस्त होने से धार्मिक आक्रोश
उन्नाव में इस घटना के बाद स्थानीय लोग गुस्से में आ गए हैं। बिल्लेश्वर महादेव मंदिर के प्रबंधक और हिंदू जागरण मंच के नेता अजय त्रिवेदी ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि इस प्रकार के कृत्य से श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है और आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
आरोपी का बयान और गिरफ्तारी
इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान अवधेश कुर्मी के रूप में की है। आरोपी ने पुलिस के सामने अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि वह मानसिक तनाव में था और इसलिए उसने इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, और वह फिलहाल हिरासत में है। एएसपी अखिलेश सिंह ने बताया कि आरोपी ने शिवलिंग को हताशा में तोड़ा और उसने एक अन्य शिवलिंग को भी क्षतिग्रस्त करने की बात स्वीकार की है।
शिवलिंग के क्षतिग्रस्त होने का इतिहास
बिल्लेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण और अर्जुन ने हस्तिनापुर से अपनी यात्रा के दौरान इस स्थल पर विश्राम किया था। कृष्ण ने यहां पूजा-अर्चना की और शिवलिंग का अभिषेक किया था। इस घटना से जुड़ा एक और रोचक तथ्य यह है कि अर्जुन ने शिवलिंग के लिए जल स्रोत बनाने के लिए अपनी बाण मारी थी, जो आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है। यह स्थल न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
उन्नाव के बाद सहारनपुर में भी मंदिर में चोरी
उन्नाव के बिल्लेश्वर महादेव मंदिर में हुई इस घटना के बाद एक और मंदिर चोरी की घटना सामने आई है। यह घटना सहारनपुर जिले के थाना सदर बाजार क्षेत्र में स्थित हकीकत नगर मंदिर में हुई। चोर ने मंदिर के मुख्य गेट को तोड़कर अंदर प्रवेश किया और शनिदेव की मूर्ति के पास रखी नकदी तथा दान पात्र से करीब 4000 रुपये चुरा लिए। घटना का CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें चोर की सारी हरकतें रिकॉर्ड हो गई हैं।
CCTV फुटेज से खुलासा
मंदिर में लगे CCTV कैमरों में चोर की पूरी हरकतें कैद हो गईं। फुटेज में चोर ने पहले मंदिर के गेट को तोड़ा, फिर शनिदेव की प्रतिमा के पास जाकर उसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। बाद में चोर ने बाहर से एक ईंट लेकर आकर शीशे को तोड़ा और दान पात्र को उठाकर नकदी निकाल ली। यह चोरी की घटना भी मंदिर के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इस तरह की घटनाओं से धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस प्रकार की घटनाओं की बढ़ती संख्या
उत्तर प्रदेश में मंदिरों पर हो रही इस तरह की घटनाओं ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्नाव और सहारनपुर की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि धार्मिक स्थलों पर बढ़ते हुए अपराधों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। पुलिस प्रशासन को अब ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
उन्नाव में बिल्लेश्वर महादेव मंदिर में हुई शिवलिंग की क्षति ने न केवल स्थानीय लोगों को आहत किया, बल्कि यह घटना पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। आरोपी के मानसिक तनाव और पत्नी की बीमारी को लेकर किए गए इस कृत्य ने यह साबित कर दिया कि मानसिक स्थिति का व्यक्ति की सोच और क्रियाओं पर गहरा असर हो सकता है। इसके अलावा, सहारनपुर में मंदिर में चोरी की घटना भी एक गंभीर विषय बनकर सामने आई है, जिससे मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

इस घटना से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन को और अधिक सचेत और सशक्त कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, स्थानीय लोगों और धार्मिक संस्थाओं को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।
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