राष्ट्रीय राजधानी में 1650 ई बसे प्रधामंत्री मोदी के विज़न का परिणाम -वीरेन्द्र सचदेवा
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का दावा की आज दिल्ली में 7200 बसों का बेड़ा है झूठ का पुलिंदा है -वीरेन्द्र सचदेवा
दिल्ली में डी.टी.सी. के पास केवल 1650 ई बसों का बेड़ा है और इसके आलावा लगभग 2500 निजी क्लस्टर बसें हैं शेष 3200 बसें पुरानी खतरनाक कंडम बसे हैं -दिल्ली भाजपा अध्यक्ष
नई दिल्ली दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है दिल्ली को प्रदूषण मुक्त राजधानी बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पनाओं का परिणाम है की आज केन्द्र सरकार के सहयोग से 350 नई ई बसें मिलने के बाद आज दिल्ली में 1650 इलैक्ट्रिक बसों का बेड़ा डी.टी.सी. के पास बन कर तैयार है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की 2013 से 2024 के बीच अरविंद केजरीवाल सरकार ने डी.टी.सी. बेड़े में एक भी नई बस नही जोड़ी और यह केजरीवाल सरकार की लापरवाही का नतीज़ा है की दिल्ली में जो बस ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर है वह केन्द्र सरकार के द्वारा दी गईं इलेक्ट्रिक बसों पर आधारित है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का दावा की आज दिल्ली में 7200 बसों का बेड़ा है झूठ का पुलिंदा है। सच यह है की दिल्ली में डी.टी.सी. के पास केवल 1650 ई बसों का बेड़ा है और इसके आलावा लगभग 2500 निजी क्लस्टर बसें हैं। जिन शेष 3200 बसों जिनके होने का दावा कैलाश गहलोत ने किया है वह 12 से 13 वर्ष पुरानी कंडम बसें जिन्हे सवारियों की जान जोखिम में डाल कर चलवाया जा रहा है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वालों को सार्वजनिक परिवहन सुविधा देने में पूरी तरह निराश किया है, सरकार मैट्रो का, रैपिड रेल का फंड देने टाल-मटोल करती है दिल्ली के लियें दस साल में दस बसें नहीं खरीदी और आज जब दिल्ली को लगभग 12500 डी.टी.सी. बसों की जरूरत है तब कंडम बसों को बस बता कर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है।