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Sunday, July 6, 2025
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एसकेएस कालेज में मनाया गया विश्व फार्मासिस्ट दिवस 

बहराइच। बहराइच – सीतापुर हाईवे मार्ग के सबलापुर स्थित डा. सर्वेश कुमार शुक्ला ग्रुप आफ इंस्टीट्यूटशंस सेमिनार में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आशुतोष शुक्ल,संस्था के चेयरमैन की सुपुत्री डा. वर्षा शुक्ला,मैनेजर आस्था शुक्ला,फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ संतोष कुमार मिश्र, नर्सिंग कालेज के प्राचार्य हरीश नागर ने ज्योति प्रज्वलित करके किया। मुख्य अतिथि आशुतोष शुक्ल ने कहा कि 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के रुप में मनाया जाता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में फार्मासिस्ट का योगदान काफी अहम रहता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को डीफार्मा व बीफार्मा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डा. संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि फार्मासिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ है। इनके ऊपर समाज व विभाग का बहुत बड़ा दारोमदार रहता है। मरीजों को दवाई देने से लेकर अन्य इलाज में फार्मासिस्ट की अहम भूमिका रहती है। नर्सिंग कालेज के प्राचार्य हरीश नागर ने कहा कि 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को फार्मासिस्ट के योगदान के बारे में विस्तार से बताया। छात्र – छात्राओं ने विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस मौके संस्था के चेयरमैन की सुपुत्री डा.वर्षा शुक्ला,मैनेजर आस्था शुक्ला,शिवमूर्ति सिंह, मुकेश श्रीवास्तव,अरून श्रीवास्तव, इदरीश, मोहित सोनी, विशाल सिंह,शालू त्रिपाठी, सौरभ सिंह,बलराम, नीलकमल दीक्षित,सूजानशील श्रीवास्तव, अनुराग मिश्र, राहुल पांडेय समेत छात्र – छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2024 का हुआ शुभारंभ

अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो
  • ग्लोबल एक्सपोजर की नई राह पर बढ़ रहा है उत्तर प्रदेश।
  • नोएडा के बाद अब लखनऊ भी टेक्सटाइल का केंद्र बनने की राह पर – मंत्री राकेश सचान

ग्रेटर नोएडा /लखनऊ। इंडिया एक्स्पो सेंटर एवं मार्ट ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2024 के द्वितीय संस्करण का भव्य शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो उत्तर प्रदेश के उद्यमियों के लिए वैश्विक व्यापार और निवेश के सुनहरे अवसरों का द्वार बताया।

मंत्री राकेश सचान
अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो को संबोधित करते हुए मंत्री राकेश सचान

मंत्री सचान ने सभी प्रतिभागियों की ओर से भारत के उपराष्ट्रपति का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि उनके सम्मानित उपस्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो के आयोजन की गरिमा को और भी बढ़ाया है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस विशाल आयोजन के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन और दूरदर्शिता के कारण ही उत्तर प्रदेश आज ‘गेटवे टू यूपी’ के रूप में वैश्विक मंच पर उभर रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो
उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2024

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मंत्री सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2024 आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ना और व्यापारिक संभावनाओं को विस्तार देना है। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2023 में 3 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था और 60 से अधिक देशों के खरीददारों ने इस मेले को सफल बनाया था। इस बार यह शो और भी व्यापक होने जा रहा है। जिसमें 4 लाख से अधिक फुटफॉल और 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की सहभागिता का अनुमान है।

मंत्री सचान ने बताया कि उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2024 में रक्षा, कृषि, उद्योग, ई-कॉमर्स, आईटी, टेक्सटाइल, हैंडलूम, बैंकिंग, डेयरी और जीआई उत्पादों से संबंधित 2500 से अधिक स्टॉल्स स्थापित की गई हैं। यह शो न केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए बल्कि छोटे और मझोले उद्यमों के लिए भी अपार संभावनाएं लेकर आया है।

उन्होंने कहा कि यह ट्रेड शो विश्वभर के निवेशकों, निर्माताओं और ग्राहकों को एक साथ लाकर उत्तर प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगा। क्रेता-विक्रेता मीट के माध्यम से प्रदेश के उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों का प्रदर्शन और व्यापारिक समझौते करने का अवसर मिलेगा।


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महिला उद्यमियों और ओडीओपी (एक जनपद एक उत्पाद) उद्यमियों की भागीदारी का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए मंत्री सचान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो का आयोजन प्रदेश के छोटे उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और व्यापारिक विस्तार का मौका मिलेगा।

मंत्री सचान ने उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एमएसएमई अधिनियम 2020 के तहत उद्यमियों को 1000 दिनों तक निरीक्षण से छूट दी गई है जिससे व्यापार करने में सुगमता सुनिश्चित हुई है। इसके अलावा छोटे उद्यमियों के लंबित बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए हर मंडल में फैसिलिटेशन काउंसिल्स का गठन किया गया है।

उन्होंने सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इसके तहत 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। जिससे उद्यमियों को आर्थिक सुरक्षा का एहसास हो रहा है।

निवेश और रोज़गार बढ़ाने के लिए प्रदेश में 25 से अधिक सेक्टोरल नीतियों का उल्लेख करते हुए मंत्री सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौतों को तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके साथ ही पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क जो लखनऊ में स्थापित किया जा रहा है जल्द ही उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल का नया हब बना देगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अभिनव योजनाएं और नीतियाँ लागू की गई हैं जो प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में ले जा रही हैं। नोएडा के बाद अब लखनऊ भी टेक्सटाइल का केंद्र बनने की राह पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश जल्द ही विकास और समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

विनिर्माण के क्षेत्र में चीन के दबदबे को ख़त्म कर रहा है भारत!

विनिर्माण

प्रहलाद सबनानी

नई दिल्ली: अर्थ के कई क्षेत्रों में आज भी पूरे विश्व में चीन का दबदबा कायम है जैसे चीन विनिर्माण के क्षेत्र में विश्व का केंद्र बना हुआ है। विशेष रूप से तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं (इमर्जिंग देशों की विनिर्माण क्षमता) के शेयर बाजार के आकार के मामले में भी चीन का दबदबा लम्बे समय से कायम रहा है। परंतु, अब भारत उक्त दोनों ही क्षेत्रों, (विनिर्माण एवं शेयर बाजार), में चीन को कड़ी टक्कर देता दिखाई दे रहा है तथा हाल ही में तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के शेयर बाजार सम्बंधी इंडेक्स में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है।

विनिर्माण
भारत चीन व्यापार

शेयर बाजार और विनिर्माण के क्षेत्र में करते है निवेश

दरअसल पूरे विश्व में संस्थागत निवेशक विभिन्न देशों, विशेष रूप से तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं, के शेयर बाजार में पूंजी निवेश करने के पूर्व वैश्विक स्तर पर इस संदर्भ (विनिर्माण) में जारी किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण इंडेक्स पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। अथवा, यह कहा जाय कि इन इंडेक्स के आधार पर अथवा इन इंडेक्स की बाजार में चाल पर ही वे इन देशों के शेयर बाजार और विनिर्माण के क्षेत्र में अपना निवेश करते हैं तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।


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इन संस्थागत निवेशकों में विभिन्न देशों के पेन्शन फंड, सोवरेन फंड, निवेश फंड आदि शामिल रहते हैं जिनके पास बहुत बड़ी मात्रा में पूंजी की उपलब्धता रहती है एवं वे अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के शेयर बाजार और विनिर्माण के क्षेत्र में अपना निवेश करते हैं।

इस संदर्भ में MSCI Emerging Market IMI (Investible Market Index) Index का नाम पूरे विश्व में बहुत विश्वास के साथ लिया जाता है। विश्व प्रसिद्ध निवेश कम्पनी मोर्गन स्टेनली ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि इस इंडेक्स में 24 तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं (इमर्जिंग देशों) की 3,355 कम्पनियों के शेयरों को शामिल किया गया है।

विनिर्माण
विनिर्माण के क्षेत्र में चीन के दबदबे को ख़त्म कर रहा है भारत

सबसे अधिक रही विनिर्माण के क्षेत्र में चीन की हिस्सेदारी 

पिछले 15 वर्षों से यह प्रचलन चल रहा है कि इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स (IMI) और विनिर्माण के क्षेत्र में चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही है परंतु धीरे धीरे अब चीन की भागीदारी (विनिर्माण) इस इंडेक्स में कम हो रही है एवं इस वर्ष अब भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस इंडेक्स में प्रतिशत में चीन की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है और भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।

इस इंडेक्स में भारत की हिस्सेदारी 6 प्रतिशत से बढ़ते हुए चीन से आगे निकल आई है और भारत की हिस्सेदारी अब 22.27 प्रतिशत से अधिक हो गई है एवं चीन की हिस्सेदारी कम होकर 21.58 रह गई है।


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यह इतिहास में पहली बार हुआ है और इसका आशय यह है कि जो निवेशकर्ता इस इंडेक्स के आधार पर अपना निवेश तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में करते हैं वे अब भारत की ओर अपना रूख करेंगे।

दूसरे, पिछले कुछ वर्षों से विदेशी निवेशक भारत से निवेश बाहर निकालते रहे हैं क्योंकि उनको भारतीय शेयर मंहगे लगाने लगे थे। परंतु, अब यह विदेशी निवेशक भी भारत की ओर रूख करेंगे। ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है। भारत का वेट बढ़ने से इस प्रकार के निवेशक भी भारत में आएंगे ही और भारत में 400 से 450 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नया निवेश करेंगे।

एक अन्य MSCI वैश्विक सूचकांक में भी भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 2 प्रतिशत हो गई है। परंतु, MSCI इमर्जिंग मार्केट इननवेस्टिबल फड इंडेक्स में भारत की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

वैश्विक स्तर पर निवेश करने वाले बड़े फंड्ज का निवेश सम्बंधी आबंटन भी इसी हिस्सेदारी के आधार पर होने की सम्भावना है। इन्हीं कारणों के चलते अब आने वाले समय में भारत के शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा अपना निवेश बढ़ाए जाने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।

चीन लगातार कर रहा है आर्थिक समस्याओं का सामना

वैसे भी चीन की अर्थव्यवस्था में अब विकास दर कम हो रही है क्योंकि पिछले कुछ समय से चीन लगातार कुछ आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है। चीन की विदेश नीति में भी बहुत समस्याएं उभर रही हैं विशेष रूप से चीन के अपने लगभग समस्त पड़ौसी देशों के साथ राजनैतिक सम्बंध ठीक नहीं हैं। चीन के शेयर बाजार में देशी निवेशक ही अधिक मात्रा में भाग ले रहे थे और वे भी अब अपना पैसा शेयर बाजार से निकाल रहे हैं।

इन समस्याओं के पूर्व MSCI इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में चीन ओवर वेट था और भारत अंडर वेट था। परंतु, पिछले दो वर्षों के दौरान स्थिति में तेजी से परिवर्तन हुआ है। चीन की अर्थव्यवस्था में आई समस्याओं के चलते चीन का इस इंडेक्स में खराब प्रदर्शन रहा है, उससे चीन की हिस्सेदार इस इंडेक्स में कम हुई है।

दूसरा, भारत अपने आप में विभिन्न आयामों वाला शेयर बाजार है क्योंकि यहां निवेशकों को सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा एवं गैस, अधोसंरचना, स्वास्थ्य, होटेल, बैंकिंग एवं वित्त आदि जैसे लगभग समस्त क्षेत्र मिलते हैं। इसके विपरीत ताईवान के शेयर बाजार में सेमीकंडक्टर क्षेत्र की कम्पनियों की 60 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी है, इसी प्रकार, सऊदी अरब में तेल कम्पनियों की 90 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी है। इस प्रकार ये देश पूर्णत: केवल एक अथवा दो क्षेत्रों पर ही निर्भर हैं जबकि भारत में विदेशी निवेशकों को कई क्षेत्रों में निवेश का मौका मिलता है।

भारत में तेज से बढ़ रही है स्टार्ट अप एवं नई कम्पनियों की संख्या

भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। साथ ही, भारतीय अर्थव्यवस्था शीघ्र ही पांचवे स्थान से आगे बढ़कर तीसरे स्थान पर आने की तैयारी में है। भारत में सशक्त वित्तीय प्रणाली के साथ ही सशक्त प्राइमरी मार्केट भी है। भारत में स्टार्ट अप एवं नई कम्पनियों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है, इन स्टार्ट अप एवं नई कम्पनियों को भी तो वित्त की आवश्यकता है, जिनमें विदेशी निवेशक अपनी पूंजी का निवेश कर सकते हैं। इस प्रकार यह स्टार्ट अप एवं नई कम्पनियां भी निवेशकों को निवेश के लिए अतिरिक्त बेहतर विकल्प प्रदान कर रही हैं।

साथ ही, भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का कम्पन भी स्पष्टत: दिखाई दे रहा हैं और भारत में सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की वृद्धि हो रही है। भारत में रोजगार के नए अवसर निर्मित करने के अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं इससे भारत में विभिन्न उत्पादों की मांग में और अधिक वृद्धि होगी तथा इससे विभिन्न कम्पनियों की लाभप्रदता में भी अधिक वृद्धि होगी और अंततः इन कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले विदेशी संस्थागत निवेशकों को भी भारत में निवेश करने में और अधिक लाभ दिखाई देगा।

दूसरे, भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली 60 प्रतिशत जनसंख्या का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान केवल 18 प्रतिशत तक ही है, इसे बढ़ाए जाने के लगातार प्रयास केंद्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे हैं।

इन प्रयासों के चलते ग्रामीण इलाकों में निवास कर रहे नागरिकों की आय में भी वृद्धि दर्ज होगी। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में निवासरत नागरिकों को उद्योग एवं सेवा (विनिर्माण) के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण इलाकों एवं कृषि क्षेत्र पर जनसंख्या का दबाव कम हो। भारत की जनसंख्या की औसत आयु 27 वर्ष हैं, चीन की जनसंख्या की औसत आयु 40 वर्ष है और जापान की जनसंख्या की औसत आयु 53 वर्ष है। इस प्रकार भारत आज एक युवा देश है क्योंकि भारत में युवा जनसंख्या, चीन एवं जापान की तुलना में, अधिक है जो भारत के लिए, आर्थिक दृष्टि से, लाभ की स्थिति उत्पन्न करता है।

भारतीय युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर

भारतीय युवाओं को यदि रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होने लगते हैं तो इससे भारत के सकल घरेलू उत्पाद में और अधिक तेज गति से वृद्धि सम्भव होगी। चीन में आज बेरोजगारी की दर जुलाई 2024 में बढ़कर 5.20 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो जून 2024 में 5 प्रतिशत थी। वर्ष 2002 से वर्ष 2024 तक चीन में बेरोजगारी की औसत दर 4.75 प्रतिशत रही है।

चीन बेरोजगारी दर में आगे

हालांकि फरवरी 2020 में यह 6.20 प्रतिशत के उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गई थी। अब पुनः धीरे-धीरे चीन में बेरोजगारी की दर आगे बढ़ रही है। जबकि भारत में वर्ष 2023 में बेरोज़गारी की दर (15 वर्ष से अधिक आयु के नगरिको की) कम होकर 3.1 हो गई है जो हाल ही के समय में सबसे कम बेरोज़गारी की दर है। वर्ष 2022 में भारत में बेरोजगारी की दर 3.6 प्रतिशत थी एवं वर्ष 2021 में 4.2 प्रतिशत थी। इस प्रकार धीरे धीरे भारत में बेरोजगारी की दर में कमी आने लगी है।

कुल मिलाकर अर्थ के विभिन्न (विनिर्माण) क्षेत्रों में चीन की तुलना में भारत की स्थिति में लगातार सुधार दृष्टिगोचर है जिससे MSCI इंडेक्स में भारत की स्थिति में भी लगातार सुधार दिखाई दे रहा है जो आगे आने वाले समय में भी जारी रहने की सम्भावना है। इस प्रकार, अब भारत, चीन को अर्थ के विभिन्न क्षेत्रों में धीरे धीरे पीछे छोड़ता जा रहा है।

 

योगी आदित्यनाथ सरकार में तेजी से बन रहा है श्रमिकों का राशनकार्ड

योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग चला रहा अभियान।
  • गांव-गाव में सत्यापन टीम का गठन कर पात्र श्रमिकों का हो रहा रजिस्ट्रेशन।
  • अबतक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में करीब डेढ़ करोड़ श्रमिकों का हो चुका है सत्यापन।
  • चित्रकूट, अमेठी, गौतमबुद्धी नगर, बलिया और आजमगढ़ में सत्यापन की गति सबसे अधिक।

लखनऊ। प्रदेश में कोई भूखा न सोए इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए योगी सरकार कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग प्रदेश के श्रमिकों के लिए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी के साथ कार्य कर रहा है। इसके लिए बकायदा अभियान चलाकर पात्र श्रमिकों का सत्यापन किया जा रहा है।

पूरे प्रदेश में ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को राशन कार्ड मुहैया कराने के लिए सत्यापन की प्रक्रिया तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। खाद्य एवं रसद विभाग के हालिया आंकड़ों के अनुसार कुल 8.31 करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण किया गया है। इसमें 6.73 करोड़ पंजीकृत श्रमिक पहले से सरकारी राशन का लाभ ले रहे हैं।


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सत्यापन के लिए श्रमिकों की कुल संख्या 1.58 करोड़ है जिसमें 1.49 करोड़ श्रमिकों का सत्यापन किया जा चुका है। पात्र पाए गए 26.47 लाख श्रमिकों में 2.37 लाख को राशन का लाभ मिल रहा है। वहीं सत्यापन में 122.92 लाख श्रमिक अपात्र पाए गए हैं।

योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

श्रमिकों के सत्यापन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए योगी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत ग्राम स्तरीय सत्यापन टीम का गठन कर पात्रता की जांच की जा रही है। इसमें श्रमिकों के आय प्रमाण-पत्र तथा अनिवार्य अभिलेखों में बैंक पासबुक की अनिवार्यता से छूट दी गई है। सत्यापन टीम की रिपोर्ट ही श्रमिकों के आय प्रमाण-पत्र के रूप में मान्य होगा।


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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलों के जिलाधिकारी जल्द से जल्द पात्र श्रमिकों का सत्यापन कर राशनकार्ड निर्गत करने की कार्यवाही में जुट गए हैं। इस क्रम में वर्तमान में प्रचलित राशनकार्डों का सत्यापन कर अपात्र परिवारों के राशनकार्ड निरस्त किए जा रहे हैं और उनकी जगह पात्र श्रमिक परिवारों के लिए राशनकार्ड जारी करने की प्रक्रिया को तेज गति से पूरा किया जा रहा है।

ई-श्रम पोर्टल के डाटा के अनुसार, प्रदेश के चित्रकूट, अमेठी, गौतमबुद्ध नगर, बलिया और आजमगढ़ में सत्यापन की गति सबसे अधिक है। चित्रकूट में 1374 पात्र श्रमिकों में 498 श्रमिकों को राशन का लाभ मिल रहा है। अमेठी में 8919 पात्र श्रमिकों में 2922, गौतमबुद्ध नगर में 1757 पात्र श्रमिकों में 530, बलिया में 42569 पात्र श्रमिकों में 10623 और आजमगढ़ में 22600 पात्र श्रमिकों में से 5611 श्रमिकों को राशन का लाभ मिल रहा है।

श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने फिर पकड़ी रफ्तार

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श्री केदारनाथ धाम

सजेशन न्यूज/सचिन मलिक


उत्तराखंड/रुद्रप्रयाग। केदार घाटी में मौसम साफ होने के बाद श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। जहां पिछले दिनों बरसात कम होने के बाद चार से पांच हजार यात्री ही बाबा केदार के दर्शनों को पहुंच रहे थे अब पिछले दो दिनों से लगातार 11 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन दर्शनों को पहुंच रहे हैं। मंगलवार शाम को श्री केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 11 लाख 83 हजार 370 पहुंच गई है।

श्री केदारनाथ धाम यात्रा
श्री केदारनाथ धाम यात्रा

मानसून सीजन समाप्ति की ओर है पिछले एक सप्ताह से मौसम साफ होने के साथ ही श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने भी तेज गति पकड़ ली है। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष करीब 19 लाख लोगों अकेले श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किए थे जबकि चारधाम यात्रा करने वालों की कुल संख्या 56 लाख के करीब थी। इस वर्ष 31 जुलाई को केदार घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण कई स्थानों पर सड़क एवं पैदल मार्ग बाधित हो गया था। जिसके चलते करीब यात्रा प्रभावित रही।


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हालांकि यात्रा मार्ग सुचारू करने एवं स्थानीय लोगों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन एवं नेतृत्व में युद्ध स्तर पर राज्य एवं जिला प्रशासन की मशीनरी ने 15 दिनों में ही पैदल यात्रा मार्ग पर आवाजाही शुरू कर दी थी। जबकि एक महीने में यात्रा पटरी पर लौट आई थी। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशन में गढ़वाल कमिश्नर, आपदा सचिव सहित संबधित सभी विभाग यात्रा सुचारू करने को प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे थे। भारी बारिश के बावजूद जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के प्रयासों से रिकॉर्ड समय में सभी यात्रियों को रेस्क्यू करने के साथ ही यात्रा दोबारा सुचारू कर दी गई है।


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यात्रा मार्ग एवं व्यापार समय पर शुरू करवाने के लिए केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का धन्यवाद देते हुए कहा कि धामी द्वारा यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने एवं व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी को निशुल्क हेली सेवा देकर केदारनाथ पहुंचाने का प्रयास बेहद सराहनीय था। इससे समय पर यात्रा शुरू होने के साथ यात्रियों को उचित सुविधाएं भी मिल सकी। यात्रा बढ़ने से श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर होटल, डंडी-कंडी, घोड़े-खच्चर सहित अन्य रूप में सेवाएं देने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है एवं व्यापार में भी इजाफा होने लगा है।

लोकसभा अध्यक्ष बोले- विधानमंडलों में हंगामा और कटुता 3 चिंता का विषय है!

Lok Sabha speaker Om Birla
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
  • सभा में सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर शालीनतापूर्वक चर्चा होनी चाहिए : लोकसभा अध्यक्ष
  • लोकसभा अध्यक्ष ने 10वें सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया।

 


नई दिल्ली। संसद भवन परिसर में 23 सितंबर 2024 को शुरू हुआ 10वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन आज संपन्न हो गया। समापन सत्र की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की जो सीपीए भारत क्षेत्र के अध्यक्ष भी हैं।

लोकसभा अध्यक्ष
10वें सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha speaker Om Birla) ने कहा कि विधानमंडलों में हंगामा और कटुता चिंता का विषय है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर समय-समय पर 3 पीठासीन अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है और पीठासीन अधिकारियों से सदन की कार्यवाही का संचालन गरिमा और शिष्टाचार के साथ तथा भारतीय मूल्यों और मानकों के अनुसार करने का आग्रह किया गया है।

लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सदन की परम्पराओं और प्रणालियों का स्वरूप भारतीय हो तथा नीतियां और कानून भारतीयता की भावना को मजबूत करें ताकि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का लक्ष्य प्राप्त हो सके। बिरला ने कहा कि पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सदन में सभी की भागीदारी हो और सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर शालीनतापूर्वक चर्चा हो।

किसी भी देश और राज्य के विकास में विधानमंडलों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए बिरला ने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को जनता से जुड़ने और उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को पारदर्शी, जवाबदेह और परिणामोन्मुखी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि विधानमंडलों के प्रभावी कार्यकरण के लिए नए सदस्यों को सदन के कामकाज, सदन की गरिमा और शिष्टाचार तथा जनसाधारण के मुद्दों को उठाने के लिए उपलब्ध विधायी साधनों के बारे में व्यापक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि वे दलों के बीच निरंतर और सुसंगत संवाद बनाए रखें और राजनीति के नए मानक स्थापित करें।


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इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विधायी निकाय अपने राज्यों में 3 विधानमंडलों में प्रक्रियाओं और अभिलेखों का डिजिटलीकरण कर रहे हैं और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जनप्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण के लिए प्रयास कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि ऐसे उपाय विधानमंडलों की कार्यकुशलता और प्रभावशीलता को बेहतर बनाने में बहुत सहायक साबित होंगे।

उन्होंने सुझाव दिया कि जहां आवश्यक हो राज्य विधानमंडलों को डिजिटलीकरण की गति को बढ़ाना चाहिए ताकि ‘एक राष्ट्र, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म’ के सपने को साकार किया जा सके। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि सम्मेलन के दौरान पीठासीन अधिकारियों द्वारा उठाए गए मुद्दों जैसे वित्तीय स्वायत्तता, सदनों के सत्रों के दिनों की संख्या में कमी, ई-विधान आदि पर आगे चर्चा की जाएगी और स्वीकार्य समाधान निकाले जाएंगे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आशा व्यक्त की कि इस दो दिवसीय सम्मेलन से विधानमंडलों के कामकाज में बदलाव आएंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि पीठासीन अधिकारियों को नई सोच, नई विजन के साथ काम करना चाहिए और भविष्य के लिए अनुकूल नए नियम और नीतियां बनानी चाहिए। बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया कि सतत और समावेशी विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। इस सम्मेलन में चार सभापतियों और 25 अध्यक्षों सहित 42 पीठासीन अधिकारी और राज्यों के प्रधान सचिव/सचिव और उनके साथ आए अधिकारी शामिल हुए।

सम्मेलन का विषय था “सतत और समावेशी विकास की प्राप्ति में विधायी निकायों की भूमिका।”
सम्मेलन से पहले 23 सितंबर, 2024 को सीपीए भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति की बैठक हुई।

सम्मेलन के दूसरे दिन अर्थात 24 सितंबर 2024 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्य विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के साथ संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर महान विभूतियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

समाज के लिए जीने वाले अमर होते हैं: मुकुट बिहारी वर्मा

बहराइच। समाज के लिए जीवन जीने वाला व्यक्ति भले नश्वर शरीर छोड़कर चला जाए किंतु उसके विचार समाज में आजीवन जिंदा रहते हैं। जिनके माध्यम से वह व्यक्ति अमर हो जाता है। यह बातें स्वर्गीय वेद प्रकाश पटवा के द्वितीय पुण्य स्मृति दिवस के अवसर पर वेद प्रकाश पटवा मेमोरियल छात्रवृत्ति एवं स्वर्ण पदक के वितरण के अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कही। स्वo वेद प्रकाश पटवा के द्वितीय पुण्य तिथि के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर फखरपुर में वेद प्रकाश पटवा मेमोरियल स्वर्ण पदक तथा छात्रवृति वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। विद्यालय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र सोमनाथ वर्मा को स्वर्ण पदक तथा अग्रिम कक्षा के लिए संपूर्ण शिक्षण शुल्क छात्रवृति के रूप में प्रदान की गई। इस अवसर पर पूर्व स्मृति सभा को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा की संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता होने के साथ-साथ समाज की पीड़ा का अनुभव वह करते थे तथा समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहा करते थे भले ही वह शरीर से आज हम सब के बीच ना हो किंतु उनके विचार आज भी हम सबको कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह अंबिका प्रसाद वर्मा ने कहा की सीमित संसाधनों में भी अल्प आय वर्ग का व्यक्ति समाज के लिए क्या कर सकता है। इसके जीवंत उदाहरण वेद प्रकाश पटवा थे सीमित संसाधनों में भी अपने परिवार का जीवन यापन करने के साथ-साथ समाज के लिए सदैव आगे बढ़कर काम करने की कला उनमें निहित थी। कैसरगंज विधानसभा प्रभारी गौरव वर्मा , पूर्व जिला पंचायत सदस्य पेशकार यादव , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के स्थाई अधिवक्ता अनिल सिंह ,वरिष्ठ समाज सेवी के पी अवस्थी , मनीष दीक्षित तथा दामोदर प्रसाद , विद्यालय के कोषाध्यक्ष बजरंग बली वर्मा, सम्मानित सदस्य दीपक सोनी ने अपने संस्मरण सुनाते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के सम्मानित प्रधानाचार्य उमेश शुक्ला ने किया। वेद सेवा संस्थान के सचिव विष्णु कुमार पटवा तथा अध्यक्ष पंकज कुमार पटवा ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों सहित भैया बहन उपस्थित रहें।

अनूप पांडेय ने जीता जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर, पत्रकारिता में बढ़ाया नया सवेेरा

 

अनूप पांडेय, एक प्रमुख पत्रकार, ने हाल ही में जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता है। यह पुरस्कार उन्हें उनके उत्कृष्ट पत्रकारिता कार्य के लिए प्रदान किया गया है, जिसने न केवल समाचार क्षेत्र में उनकी पहचान बनाई, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।

 पुरस्कार का महत्व

जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह पुरस्कार उन पत्रकारों को सम्मानित करता है जिन्होंने अपने काम के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया है। अनूप पांडेय का चयन इस पुरस्कार के लिए उनकी कठोर मेहनत और समर्पण को दर्शाता है।

अनूप पांडेय का करियर

अनूप पांडेय ने अपने करियर की शुरुआत स्थानीय समाचार पत्रों से की थी और धीरे-धीरे राष्ट्रीय स्तर के समाचार चैनलों में अपनी पहचान बनाई। उनकी पत्रकारिता शैली सरल और प्रभावी है, जो दर्शकों को आसानी से जोड़ती है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर कई विशेष रिपोर्ट्स और डॉक्यूमेंट्रीज का निर्माण किया है, जिनमें मानवाधिकार, पर्यावरण, और सामाजिक न्याय शामिल हैं।

 पुरस्कार प्राप्ति का कारण

अनूप पांडेय को इस पुरस्कार से सम्मानित करने का मुख्य कारण उनकी उन रिपोर्टों को माना गया है, जिन्होंने समाज में जागरूकता बढ़ाने और महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने में मदद की है। उनके कार्य ने कई बार विवादास्पद मुद्दों को प्रकाश में लाने का साहस दिखाया है, जिससे न केवल जनहित में बल्कि सरकार और संस्थाओं में भी सुधार के प्रयास हुए हैं।

 प्रतिक्रियाएँ

अनूप पांडेय ने पुरस्कार मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मैं अपने सभी सहयोगियों का धन्यवाद करना चाहता हूँ, जिनके बिना यह संभव नहीं होता। यह पुरस्कार मेरे काम को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा देगा।”

समाज पर प्रभाव

अनूप की रिपोर्टिंग ने समाज में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उन्होंने कई सामुदायिक मुद्दों को उठाया है, जो अक्सर मुख्यधारा की मीडिया में नजरअंदाज होते हैं। उनके काम ने न केवल लोगों की सोच को बदला है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को भी उठाने में मदद की है।

अनूप पांडेय का जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर पुरस्कार जीतना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे पत्रकारिता समुदाय के लिए गर्व का विषय है। उनके जैसे पत्रकार समाज में सच्चाई, न्याय और बदलाव लाने के लिए आवश्यक हैं। यह पुरस्कार उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा और साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

Laapataa Ladies की Oscars 2025 में आधिकारिक एंट्री

फिल्म Laapataa Ladies, जिसे डायरेक्ट किया है सतीश कौशिक ने, ने Oscars 2025 के लिए अपनी आधिकारिक एंट्री की है। इस फिल्म के चयन पर बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर खान ने अपनी खुशी और गर्व का इजहार किया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह दर्शाती है कि भारतीय फिल्में वैश्विक स्तर पर पहचानी जा रही हैं।

आमिर खान का रिएक्शन

आमिर खान ने कहा, “यह जानकर बहुत खुशी हुई कि Laapataa Ladies को Oscars के लिए चुना गया है। यह हमारे सिनेमा के लिए एक बड़ा पल है।” उन्होंने सतीश कौशिक की मेहनत और क्रिएटिविटी की सराहना की, साथ ही फिल्म के कलाकारों और तकनीकी टीम को भी बधाई दी।

एक्स-वाइफ का खुलासा

आमिर खान की पूर्व पत्नी रीना दत्ता ने भी इस मौके पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “Laapataa Ladies को Oscars के लिए चुनना इस बात का प्रमाण है कि अच्छी कहानियों की हमेशा सराहना होती है। मैं आमिर को उनकी सफलता के लिए बधाई देना चाहती हूँ।” उन्होंने फिल्म के संदेश और इसकी कहानी की भी तारीफ की, जो सामाजिक मुद्दों को उठाती है।

फिल्म की कहानी

Laapataa Ladies की कहानी दो महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने जीवन में एक नई शुरुआत करने की कोशिश कर रही हैं। यह फिल्म कॉमेडी और ड्रामा का एक बेहतरीन मिश्रण है, जिसमें एक गंभीर संदेश भी छिपा है। इसके संवाद और किरदारों की बेहतरीन प्रस्तुति ने इसे दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है।

इस खबर के बाद, आमिर खान ने कहा कि वह आगामी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और चाहते हैं कि भारतीय सिनेमा और भी आगे बढ़े। उन्होंने कहा, “हमें अपनी कहानियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का प्रयास करना चाहिए।”

Laapataa Ladies की Oscars 2025 में एंट्री भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आमिर खान और रीना दत्ता दोनों ने इस फिल्म की सराहना की है, जो दर्शाती है कि भारतीय फिल्म उद्योग वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म की यात्रा Oscars में कैसे आगे बढ़ती है।

नवोदय विद्यालय कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी

नवोदय विद्यालय समिति ने कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2024 कर दिया है। पहले यह तिथि 30 सितंबर 2024 थी। इस निर्णय से उन छात्रों और अभिभावकों को राहत मिली है जो नवोदय विद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करने के इच्छुक थे।

नवोदय विद्यालय का महत्व

नवोदय विद्यालय देशभर में एक विशेष प्रकार की शैक्षणिक संस्था है, जिसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह विद्यालय विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, ताकि उन्हें उच्च स्तर की शिक्षा और सुविधाएं मिल सकें। नवोदय विद्यालय का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक स्वस्थ और प्रतिस्पर्धात्मक शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना है।

आवेदन प्रक्रिया

कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: नवोदय विद्यालय समिति की वेबसाइट (nvshq.org) पर जाएं।
  2. पंजीकरण करें: “Entrance Exam” सेक्शन में जाकर पंजीकरण फॉर्म भरें। इसमें आपको अपने व्यक्तिगत विवरण, जैसे नाम, जन्म तिथि और संपर्क जानकारी दर्ज करनी होगी।
  3. दस्तावेज अपलोड करें: सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
  4. फीस जमा करें: आवेदन शुल्क का भुगतान करें। यह शुल्क ऑनलाइन विभिन्न विकल्पों के माध्यम से भरा जा सकता है, जैसे कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, और नेट बैंकिंग।
  5. फॉर्म सबमिट करें: सभी जानकारी भरने के बाद, फॉर्म सबमिट करें और एक कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें।

परीक्षा की तैयारी

नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है। यह परीक्षा मुख्य रूप से गणित, विज्ञान, हिंदी, और अंग्रेजी पर आधारित होती है। छात्रों को इस परीक्षा के लिए तैयारी करने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा रहे हैं:

  • सिलेबस का अध्ययन: परीक्षा का सिलेबस ध्यान से पढ़ें और विषयों की गहराई को समझें।
  • मॉक टेस्ट लें: मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी की स्थिति जानें। इससे परीक्षा के प्रारूप का अनुभव होगा।
  • समय प्रबंधन: अपनी पढ़ाई की योजना बनाएं और समय का सही प्रबंधन करें।

महत्वपूर्ण जानकारी

  • कक्षा 6वीं में प्रवेश: यह परीक्षा देशभर में नवोदय विद्यालयों में कक्षा 6वीं में छात्रों के लिए आयोजित की जाती है।
  • परीक्षा तिथि: परीक्षा की तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई है, लेकिन इसकी जानकारी जल्द ही दी जाएगी।
  • योग्यता: सभी इच्छुक छात्रों को 5वीं कक्षा पास होना आवश्यक है।

अगर आपको आवेदन प्रक्रिया या किसी अन्य जानकारी में सहायता की आवश्यकता है, तो आप नवोदय विद्यालय समिति की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर संपर्क कर सकते हैं या उनके हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

नवोदय विद्यालय में कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ने से छात्रों को और अधिक अवसर मिला है। यह एक सुनहरा मौका है उन सभी छात्रों के लिए जो उत्कृष्ट शिक्षा और विकास के लिए तैयार हैं। 7 अक्टूबर तक आवेदन करें और इस अद्वितीय शैक्षणिक अनुभव का हिस्सा बनें!

 

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“गिलोय का जादू, सेहत का हर कदम, अमृत सा गुण, स्वस्थ रहो हर क्षण!”