सचिन मलिक। उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 देश की सर्वोत्तम नीतियों में से एक है। यह नीति प्रत्येक क्षेत्र को आच्छादित करने की योजना के तहत बनाई गई है। उन्होंने उद्यमियों को इस नीति का अधिक से अधिक लाभ उठाने की सलाह दी, खासकर महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए।
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इच्छुक उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और कृषक उत्पादक संगठनों को इस नीति से लाभ उठाने के लिए जागरूक करें। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति की विशेषताओं और दिए जाने वाले अनुदान के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
अनुदान और सुविधाएं
उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नीति के तहत परियोजना लागत का 35 से 50 प्रतिशत (अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक) का अनुदान मिल सकता है। महिला सशक्तिकरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने पर 75 के.वी.ए. तक लागत का 90 प्रतिशत सौर ऊर्जा परियोजना पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। अन्य उद्यमियों के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। पीएम एफएमई योजना के तहत 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रुपये) का अनुदान भी उपलब्ध है।
महिला सशक्तीकरण और रोजगार
उप-मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार करें और महिला सशक्तिकरण के इस कदम को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि इस योजना से किसानों के उत्पादों का बेहतर प्रसंस्करण होगा और उनकी उपज का उचित लाभ मिलेगा। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
उद्यमी इस योजना का लाभ निवेश मित्र वेब-पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करके प्राप्त कर सकते हैं।
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