journalism भविष्य में एक नई उम्मीद
journalism लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। और पत्रकारिता में आज भी काफी कुछ सीखने और समझने की ज़रूरत है वहीं हम तमाम पत्रकारिता की पस्तकों को पढ़ने और देखने के बाद भी कहीं न कहीं बहुत चीजें रह जाती हैं जो हम सीख नहीं पाते हैं। हमें जरूरत है एक सच्ची और निष्पक्ष पत्रकारिता की जो हमें भविष्य में एक नई उम्मीद नई दिशा की ओर ले जाए।
journalism के लिए हाल ही में प्रकाश मेहरा के द्वारा प्रकाशित पुस्तक “WAY TO JOURNALISM” ने हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में (लंदन,कनाडा,अमेरिका आदि) भी एक नई सीख देने का प्रयास किया है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है इस पुस्तक से पत्रकारिता को एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है इस किताब ने सिर्फ हमारे देश का नहीं बल्कि पत्रकारिता का भी नाम रोशन किया है।
इस पुस्तक में निष्पक्ष पत्रकारिता से लेकर आधुनिक journalism, विदेशी journalism, journalism एक बड़ा संघर्ष, journalism और सरकारें आदि विषय इसमें रखे गए हैं। इन विषयों को देखकर ही लगता है कि हम अपने भविष्य को संवारने के लिए इस पुस्तक की मदद ले सकते हैं।
संघर्ष करने पड़े हमें पीछे नहीं हटना चाहिए
पुस्तक के लेखक प्रकाश मेहरा बताते हैं कि “मैंने जिन संघर्षों के बीच पत्रकारिता की और कर रहा हूं उससे मैंने काफी कुछ सीखा कि आज भी हमें एक निष्पक्ष पत्रकारिता की आवश्यकता है भले ही हमें कितने भी संघर्ष करने पड़े हमें पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि जीवन का नाम ही संघर्ष है और आज हमारे देश की पत्रकारिता सबसे अलग है।”
“पुस्तक लिखने के पीछे का मकसद मेरा सिर्फ ये नहीं था कि एक निष्पक्ष journalism क्या होती है बल्कि ये भी था कि संघर्षों के बिना कुछ भी संभव नहीं और जिसने मेहनत और संघर्ष किया है वहीं आगे बढ़ा है। पत्रकारिता से देश की जनता को कई उम्मीदें होती हैं जिस पर खरा उतरना हर किसी के बस की बात नहीं पर निष्पक्ष journalism से हर किसी को न्याय जरूर मिल सकता है।”
निष्पक्ष journalism क्या होती है
journalism के सफ़र की शुरुआत पर मेहरा कहते हैं कि “मैंने कई संघर्ष किए पर कामयाबी की राह हर जगह ढूंढता रहा कई संघर्षों के बाद मुझे एक नई उम्मीद मेरे भाई रोहित सरदाना ने दी उन्होंने मुझे निष्पक्ष journalism सिखाई पर ये एक बेहद अच्छा अवसर होता है हम पत्रकारिता की ओर बढ़ते हैं और अपने देश की स्थिति को सुधारने में अपना अहम योगदान देते हैं। एक निष्पक्ष पत्रकारिता से हम अपने साथ-साथ देश की स्थिति को भी सुधारते हैं मुझे इस ओर लाने में किसी का योगदान रहा है तो वो मेरे प्रिय स्वर्गीय श्री रोहित सरदाना थे जिन्होंने मुझे हर एक मुश्किल समय में रास्ता दिखाया और चलना सिखाया कि एक निष्पक्ष journalism क्या होती है जिन्होंने कभी हार नहीं मानी थी। जाते-जाते एक बड़ी सीख जरूर दे गए कि कभी हार मत मानना निष्पक्ष पत्रकारिता से पीछे नहीं हटना।”
हालांकि रोहित सरदाना की journalism की मिसाल आज भी हर कोई याद करता है रोहित का खबरों को दिखाने और समझाने का उनका एक अलग अंदाज था जिन्होंने अपनी आख़िरी सांस तक हार नहीं मानी। पत्रकारिता के लिए एक बड़ी मिसाल के साथ ही वो एक नए पत्रकारिता युग की कल्पना कर रहे थे जिसे आज प्रकाश मेहरा ने पूरा कर दिखाया है जिस पुस्तक ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहराने जा रहा है।
Chief Minister Pushkar Singh Dhami ने 72 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।
बहुत सही