योगी सरकार के सुशासन से यूपी बना निवेशकों की पसंद: एक नई विकास यात्रा
उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण
उत्तर प्रदेश, जो पहले औद्योगिक विकास के मामले में पीछे था, अब योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है। योगी सरकार के प्रभावी सुशासन और निवेशकों को दी गई सुरक्षा गारंटी के कारण प्रदेश अब निवेशकों की पसंदीदा मंजिल बन चुका है। यह बदलाव केवल नीतियों के स्तर पर नहीं, बल्कि राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास में भी साफ देखा जा सकता है।
योगी सरकार का निवेशकों के लिए भरोसा: सुरक्षा और सुशासन की गारंटी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा निवेशकों को यह आश्वासन दिया है कि राज्य में निवेश करने से उन्हें सुरक्षा और सुशासन की पूरी गारंटी मिलेगी। ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने योगी सरकार की औद्योगिक नीतियों की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रदेश में सुशासन की स्थापना के कारण यूपी अब दुनियाभर के निवेशकों की पसंदीदा जगह बन चुका है। यहां विश्वस्तरीय एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, और हाइवे के निर्माण कार्यों की तारीफ की जा रही है।”
औद्योगिक विकास के नए आयाम
नोएडा और ग्रेटर नोएडा का विकास
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्र अब औद्योगिक विकास के नए केंद्र बन चुके हैं। इन क्षेत्रों के विकास में यमुना विकास प्राधिकरण भी अहम भूमिका निभा रहा है। विशेष रूप से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने के बाद इस क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और यह देश-दुनिया के सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्यों में शुमार हो सकता है।
योगी सरकार ने न केवल इन क्षेत्रों में शहरीकरण को बढ़ावा दिया है, बल्कि वहां निवेश को आकर्षित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में भारी निवेश किया है।
बुंदेलखंड और पूर्वांचल में औद्योगिक विकास
बुंदेलखंड में सोलर एनर्जी हब की दिशा में कदम
योगी सरकार ने बुंदेलखंड और पूर्वांचल के औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया है। बुंदेलखंड को सोलर एनर्जी हब बनाने की दिशा में सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। इसके अलावा, यहां डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण क्षेत्र के औद्योगिक माहौल को और मजबूत कर रहा है।
सरकार ने झांसी और कानपुर के बीच 36,000 एकड़ में एक विशाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की योजना बनाई है, जो राज्य के औद्योगिक नक्शे को पूरी तरह से बदल सकता है।
पूर्वांचल में बढ़ती औद्योगिक गतिविधियां
पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास के लिए सरकार ने एक्सप्रेसवे, लिंक एक्सप्रेसवे, और औद्योगिक पार्क जैसे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है। इन क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है, जिससे इन इलाकों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है।
गोरखपुर और पूर्वांचल के विकास के लिए योजना
योगी सरकार के गृह जनपद गोरखपुर में भी औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। गोरखपुर में 800 एकड़ में एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बना देगा।
यूपी में बढ़ता निवेश: आंकड़ों में बदलाव
योगी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप यूपी में निवेश का माहौल बेहतर हुआ है।
निवेश संबंधी प्रमुख आंकड़े
- यूपी इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के एमओयू और 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है।
- ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में 10.11 लाख करोड़ रुपये की करीब 1500 परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है।
- यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 28,029 एमओयू पर सहमति बनी, जिनसे 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित हुआ।
निवेशकों के लिए यूपी का आकर्षण बढ़ता जा रहा है
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी का औद्योगिक और व्यापारिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में सुधार, साथ ही साथ निवेशकों को दी गई सुरक्षा और प्रोत्साहन योजनाओं के चलते यूपी अब एक प्रमुख निवेश गंतव्य बन चुका है। इस बदलाव ने प्रदेश के आर्थिक विकास को नई दिशा दी है और आने वाले वर्षों में यूपी देश के सबसे बड़े औद्योगिक राज्यों में से एक बन सकता है।
यूपी में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए एक उपयुक्त वातावरण तैयार हो चुका है। राज्य सरकार की नीति, विकास योजनाओं और औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने यूपी को अब देश और विदेश के निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। इस निवेश को देखते हुए भविष्य में यूपी में आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की संभावना है।
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