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Saturday, March 15, 2025

महाकुम्भ 2025: आपदा प्रबंधन के लिए रात्रि में मॉक एक्सरसाइज़ की तैयारी

महाकुम्भ 2025: आपदा प्रबंधन के लिए रात्रि में मॉक एक्सरसाइज़ की तैयारी

महाकुम्भ 2025 के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग पूरी तरह से तैयार हैं। इस बार आपदा प्रबंधन के तहत खास तैयारी की जा रही है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। इसके लिए महाकुम्भ के दौरान रात्रि में भी मॉक एक्सरसाइज़ आयोजित की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपदा की स्थिति में सभी विभाग सही तरीके से प्रतिक्रिया दे सकें।

महाकुम्भ 2025

महाकुम्भ 2025 के लिए आपदा प्रबंधन की समीक्षा

30 नवम्बर 2024 को उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) की ओर से प्रयागराज में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में महाकुम्भ-2025 के दौरान आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई और अधिकारियों से समन्वय के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए। बैठक की अध्यक्षता की थी प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने, जिन्होंने महाकुम्भ के दौरान बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए इंटीग्रेटेड रिस्पांस की आवश्यकता की बात की।

मॉक एक्सरसाइज़ के माध्यम से बेहतर समन्वय की तैयारी

महाकुम्भ-2025 के दौरान आपदा प्रबंधन को लेकर इस बार एक नई पहल की जा रही है। मॉक एक्सरसाइज़ का आयोजन दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें से एक चरण रात्रि के समय होगा। इस मॉक एक्सरसाइज़ का उद्देश्य यह है कि रात्रि के समय भी विभिन्न विभागों की प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन की प्रक्रिया को वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार परखा जा सके।

बैठक में उपस्थिति अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि आपदा के समय विभिन्न विभागों का समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। विशेष रूप से, लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे पान्टून पुलों की सुरक्षा, अग्नि दुर्घटनाओं के दौरान पुलिस और अग्निशमन विभाग का सहयोग, और चिकित्सा सेवाओं के साथ आपातकालीन प्रतिक्रिया की योजना पर विस्तार से चर्चा की गई।

रात्रि के समय मॉक एक्सरसाइज़ का महत्व

इस साल की मॉक एक्सरसाइज़ में एक खास बात यह होगी कि इसका एक सत्र रात्रि के समय आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में विभिन्न विभागों की आपदा प्रतिक्रिया को परखा जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपात स्थिति में हर विभाग समय पर और सही तरीके से कार्य करें। यह मॉक एक्सरसाइज़ दिसम्बर 2024 और जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में आयोजित होगी, जिससे विभागों को पर्याप्त समय मिल सकेगा अपने कार्यों की योजना बनाने और सुधारने का।

विभिन्न विभागों की भूमिका

महाकुम्भ-2025 के दौरान आपदा प्रबंधन में विभिन्न विभागों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके तहत पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अग्निशमन, यातायात, संचार विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय रेलवे और भारतीय सेना जैसे कई विभागों को एक साथ काम करना होगा। इन सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न अभ्यास किए जा रहे हैं।

ब्रिगेडियर अजय गंगवार, वरिष्ठ सलाहकार ने बैठक में यह भी बताया कि हर आपदा की स्थिति में विभिन्न विभागों को एक साथ काम करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, पान्टून पुल के निर्माण के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो पुलिस, चिकित्सा और अग्निशमन विभाग को एक साथ काम करना होगा। इसी तरह, अग्नि दुर्घटना के दौरान पुलिस और अग्निशमन विभाग को भीड़ प्रबंधन में सहयोग करना होता है।

महाकुम्भ-2025 के दौरान आपदा प्रबंधन की तैयारियाँ

महाकुम्भ-2025 में आपदा प्रबंधन के सभी पहलुओं पर काम शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार आपदा प्रबंधन की रणनीतियाँ और योजनाएँ पहले से कहीं अधिक मजबूत और प्रभावी होंगी। रात्रि के समय की मॉक एक्सरसाइज़, टेबलटॉप एक्सरसाइज़ और विभागों के बीच बेहतर समन्वय से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

महाकुम्भ के दौरान सुरक्षित और व्यवस्थित आयोजन

महाकुम्भ-2025 के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और व्यवस्थापन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपदा प्रबंधन की योजनाओं को पूरी तरह से सुसंगत और प्रभावी बनाना एक बड़ी चुनौती है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार पूरी गंभीरता से ले रही है।

महाकुम्भ 2025 के दौरान बेहतर आपदा प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयास न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि देशभर के लिए एक मिसाल होंगे। रात्रि में मॉक एक्सरसाइज़ के आयोजन से यह सुनिश्चित होगा कि आपदा के समय हर विभाग अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सके। महाकुम्भ के आयोजन में सुरक्षा और समन्वय की यह नई रणनीति न केवल उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता को दिखाएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी आपात स्थिति में जनता को त्वरित राहत मिल सके।

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