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Sunday, July 6, 2025
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“गिलोय का जादू, सेहत का हर कदम, अमृत सा गुण, स्वस्थ रहो हर क्षण!”

गिलोय, जिसे ‘टिनोस्पोरा कोर्डिफोलिया’ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है जो भारतीय पारंपरिक चिकित्सा, जैसे आयुर्वेद, में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पौधा न केवल स्वास्थ्य लाभों से भरा हुआ है, बल्कि इसके अनगिनत औषधीय गुण भी हैं। गिलोय को भारतीय संस्कृति में ‘अमृता’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘अमरता का पौधा’। इस लेख में, हम गिलोय के स्वास्थ्य लाभ, इसके उपयोग और इसके पीछे के वैज्ञानिक तथ्यों पर चर्चा करेंगे।

 

गिलोय के गुण

गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। इसके अलावा, इसमें विभिन्न पोषक तत्व जैसे विटामिन, खनिज और फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। ये गुण इसे एक प्रभावी औषधि बनाते हैं, जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है।

 

1. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना

गिलोय का सबसे बड़ा लाभ इसका इम्यून बूस्टिंग प्रभाव है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। गिलोय का नियमित सेवन शरीर को वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों से बचाने में सहायक होता है।

 

 2. डायबिटीज नियंत्रण

गिलोय का उपयोग मधुमेह के मरीजों के लिए भी लाभकारी है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। गिलोय की पत्तियों का जूस पीने से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

 

 3. पाचन में सुधार

गिलोय का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं जैसे गैस, कब्ज और एसिडिटी में भी राहत प्रदान करता है। यह पेट के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। गिलोय की चाय या काढ़ा पीने से पाचन तंत्र को सुदृढ़ किया जा सकता है।

 

 4. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य

गिलोय के सेवन से मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। गिलोय का सेवन नींद की गुणवत्ता को भी सुधार सकता है।

 

 5. त्वचा की देखभाल

गिलोय का उपयोग त्वचा की समस्याओं के लिए भी किया जाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासे, रंजकता और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। गिलोय का पेस्ट या जूस सीधे त्वचा पर लगाने से लाभ होता है।

 

 6. बुखार से राहत

गिलोय बुखार को कम करने में भी प्रभावी है। यह शरीर के तापमान को संतुलित रखने में मदद करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसका काढ़ा बुखार के उपचार के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

 

7. कैंसर से सुरक्षा

कुछ अध्ययन यह सुझाव देते हैं कि गिलोय में कैंसर-रोधी गुण हो सकते हैं। यह कोशिकाओं की वृद्धि को नियंत्रित करने और कैंसर के सेल्स के विकास को रोकने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।

 

 गिलोय का सेवन कैसे करें

गिलोय का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है:

गिलोय का जूस: ताजा गिलोय की पत्तियों को धोकर जूस बना सकते हैं। इसे दिन में एक बार पीना फायदेमंद होता है।

गिलोय का काढ़ा: गिलोय की स्टेम को पानी में उबालकर काढ़ा बना सकते हैं। इसे शहद या नींबू के रस के साथ सेवन किया जा सकता है।

गिलोय का पाउडर: गिलोय का पाउडर बना कर इसे दूध या पानी के साथ मिलाकर पी सकते हैं।

गिलोय की टेबलेट: बाजार में गिलोय की टेबलेट भी उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह से लिया जा सकता है।

ध्यान देने योग्य बातें

हालांकि गिलोय के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन इसके सेवन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

डॉक्टर से परामर्श: यदि आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं, तो गिलोय का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।

गर्भवती महिलाएं: गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

अधिक मात्रा से बचें: गिलोय का अत्यधिक सेवन शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। हमेशा संतुलित मात्रा में सेवन करें।

गिलोय एक अद्भुत औषधीय पौधा है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसके सेवन से न केवल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, बल्कि यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में भी सहायक है। यदि आप अपने जीवन में गिलोय को शामिल करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमेशा याद रखें कि किसी भी औषधीय पौधे का सेवन करते समय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। तो क्यों न आज से ही गिलोय को अपने दैनिक आहार में शामिल करें और सेहत के इस राज का आनंद लें!

 

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“कोविड XEC की दस्तक, सतर्कता रखो, स्वास्थ्य की रक्षा!”

“कोविड XEC की दस्तक, सतर्कता रखो, स्वास्थ्य की रक्षा!”

कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और इसके नए वेरिएंट्स अभी भी चिंता का कारण बने हुए हैं। हाल ही में, COVID-19 का नया वेरिएंट XEC यूरोप में तेजी से फैल रहा है, जिससे तबाही की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वेरिएंट पिछले स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है, जिसका मतलब है कि यह व्यक्ति से व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है।

वेरिएंट XEC, दो अन्य वेरिएंट्स KS.1.1 और KP.3.3 का संयोजन है। इनमें से KS.1.1 एक FLiRT वेरिएंट भी है, जो कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वेरिएंट की संक्रामकता अधिक होने के कारण यह नए संक्रमणों का कारण बन सकता है।

लक्षण और प्रभाव

हालांकि, वेरिएंट XEC के लक्षण ओमिक्रॉन वेरिएंट के समान हल्के हैं, जैसे कि बुखार, खांसी, गले में खराश, और थकान। फिर भी, इन लक्षणों के बावजूद, इसे हल्के में लेना उचित नहीं है। इस वेरिएंट के फैलने की दर और इसके संभावित प्रभावों को देखते हुए वैज्ञानिक अभी भी यह अध्ययन कर रहे हैं कि मौजूदा वैक्सीनेशन इस नए वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी है।

मौजूदा वैक्सीनेशन की प्रभावशीलता

विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन इस नए वेरिएंट के खिलाफ कुछ हद तक प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन इसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग टीकाकरण को प्राथमिकता दें और यदि किसी कारणवश उन्हें अभी तक टीका नहीं मिला है, तो वे जल्द से जल्द टीका लगवाने की कोशिश करें।

सर्दियों में फैलने का खतरा

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सर्दियों के मौसम में वेरिएंट XEC और अधिक तेजी से फैल सकता है। ठंड के मौसम में वायरस अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं, जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। इस समय, जब लोग अंदर बंद रहते हैं, सामाजिक दूरी बनाए रखना और मास्क पहनना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।

बचाव के उपाय

  1. मास्क पहनें: भीड़भाड़ वाले स्थानों में हमेशा मास्क पहनें, खासकर indoors।
  2. हाथ धोना: नियमित रूप से हाथ धोएं और हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  3. सामाजिक दूरी: दूसरों से उचित दूरी बनाए रखें।
  4. टीकाकरण: यदि आपने टीका नहीं लगवाया है, तो जल्द से जल्द टीका लगवाने का प्रयास करें।
  5. लक्षणों पर नजर: यदि आपको बुखार, खांसी या अन्य लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और टेस्ट करवाएं।
  6. स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें: अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें।

कोविड-19 वेरिएंट XEC ने हमें एक बार फिर यह याद दिलाया है कि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। इसके लक्षण हल्के होने के बावजूद, इसके तेजी से फैलने की क्षमता और संभावित गंभीरता इसे एक गंभीर खतरा बनाती है। इस वेरिएंट से बचाव के लिए हमें सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।

इस समय में, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम न केवल अपनी बल्कि दूसरों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करें। सही जानकारी और सावधानी बरतने से हम इस नए वेरिएंट के प्रभाव को कम कर सकते हैं और अपनी और अपने परिवार की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। सावधानी बरतें, स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें।

विधानसभा नानपारा में चलाया गया भाजपा सदस्यता अभियान 

नानपारा, बहराइच। भाजपा ने विधानसभा नानपारा क्षेत्र में सदस्यता अभियान तेज कर दिया है। अधिक से अधिक लोगों को भाजपा से जोड़ने के लिए कार्यकर्ता गांव-गांव पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को बलहा विकासखंड मुख्यालय पर भाजपा सदस्यता अभियान को लेकर बैठक की गई। जिसमें काफी संख्या में लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई।

मुख्य अतिथि शिवभूषण सिंह प्रदेश मंत्री जिला प्रभारी बहराइच रहे। जबकि विशिष्ट अतिथि बृजेश पांडेय जिलाध्यक्ष बहराइच की उपस्थिति में बलहा ब्लॉक मुख्यालय परिसर में सदस्यता अभियान चलाया गया। इस दौरान आसपास के दर्जनों गांव के लोगों ने पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर राघवेन्द्र प्रताप सिंह जिला महामंत्री, कृपाराम वर्मा जिलाध्यक्ष भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा, नगर पंचायत अध्यक्ष रूपईडीहा डॉक्टर उमाशंकर वैश्य, विजय कुमार वर्मा ब्लॉक प्रमुख बलहा, घनश्याम सिंह , महाराज दिन वर्मा, अजय मिश्रा मंडल अध्यक्ष रूपईडीहा, आशीष कुमार पांडे नानपारा नगर अध्यक्ष, शालिग्राम लोधी मंडल अध्यक्ष शिवपुर, अरुण सोनकर जिला पंचायत सदस्य, शालिक राम लोधी, ललित त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

गृह जनपद स्थानांतरण के लिए शिक्षकों ने दिया धरना, सौंपा मांगपत्र

बहराइच। आकांक्षी जनपद शैक्षिक एकता समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले जनपद में कार्यरत बाहरी शिक्षकों ने अपने गृह जनपद में स्थानांतरण के लिए मंगलवार को जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर सैकड़ो की संख्या में धरना देकर जोरदार प्रदर्शन किया। समिति के प्रदेश अध्यक्ष अवनीश त्रिपाठी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। मांगपत्र के माध्यम से शिक्षकों ने बताया कि सामान्य रूप से होने वाले स्थानांतरण में आकांक्षी जनपद के बाहरी शिक्षकों को अपने गृह जनपद में जाने का मौका नहीं मिल पा रहा है। गृह जनपद से 300 से 800 किलोमीटर दूर कार्यरत होने के कारण पारिवारिक और सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं हो पाने के कारण हम बाहरी शिक्षक अपने परिवार और समाज से दूर होते जा रहे हैं। मांगपत्र में कहा गया है कि इन विषम परिस्थितियों के कारण आकांक्षी जनपदों के बाहरी शिक्षक मानसिक रूप से अवसादग्रस्त होते जा रहे हैं। प्रदेश संगठन मंत्री राज प्रकाश श्रीवास्तव एवं महामंत्री विनय तिवारी ने बताया कि जनपद बहराइच में लगभग नौ वर्ष हो गए कार्यरत हुए। जब भी सरकार द्वारा स्थानांतरण किया गया, आस तो बनती है लेकिन हर बार स्थानांतरण से निराशा ही हाथ लगी। सरकार से हम सभी आकांक्षी जनपदों के बाहरी शिक्षक मांग करते हैं कि हमारा स्थानांतरण विशेष रूप से किया जाए जिससे शिक्षण कार्य से साथ अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का भी निर्वाहन कर सके। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे।

एसडीएम ने अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेंटर पर मारा छापा, परीक्षण करते मिले अप्रशिक्षित

नानपारा, बहराइच। उप जिलाधिकारी नानपारा अश्वनी पांडेय और प्रभारी चिकित्साधिकारी चंद्रभान राम ने संयुक्त रूप से नगर क्षेत्र में संचालित अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेंटर पर छापा मारा। इस दौरान कई सेंटर पर अप्रशिक्षित लोग परीक्षण करते पाए गए। जबकि प्रशिक्षित नदारत मिले।

जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर उप जिला अधिकारी नानपारा ने सीएचसी अधीक्षक नानपारा के साथ अन्य चिकित्सकों की संयुक्त टीम बनाई। शिकायत मिली थी कि नगर क्षेत्र में अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड सेंटर और पैथोलॉजी संचालित हैं। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं है तो पैथोलॉजी सेंटर पर लैब टेक्नीशियन डिग्री धारक परीक्षण नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोग परीक्षण कर रहे हैं। जिनके पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं है। इस शिकायत पर एक दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेंटर पर एसडीएम ने चिकित्सक की टीम के साथ नगर क्षेत्र में संचालित पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापेमारी की। निरीक्षण में सनशाइन डायग्नोस्टिक सेंटर, उन्नति डायग्नोस्टिक सेंटर, राज पैथोलॉजी व पाली क्लीनिक, आदित्य अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापा मारा गया। इन सेंटरों पर रेडियोलॉजिस्ट ना तो अल्ट्रासाउंड कर रहे थे और ना ही पैथोलॉजी पर डिग्री धारण टेक्नीशियन रक्त की जांच करते पाए गए। उनके स्थान पर अप्रशिक्षित लोग जांच और रिपोर्ट तैयार करते मिले। उप जिलाधिकारी नानपारा ने इसे काफी गंभीरता से लिया। उनका कहना था कि ऐसे में जब रोगियों का सही परीक्षण नहीं होगा तो उनका समुचित इलाज हो पाना संभव नहीं है। एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी बहराइच को भेजे जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी रिपोर्ट के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

खेत की रखवाली को गए किसान को मगरमच्छ ने चबाया

गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती, नहर से आकर धान के खेत में पहुंचा मगरमच्छ 

बहराइच। एक किसान सोमवार शाम को खेत में लगे धान के फसल की रखवाली के लिए जा रहा था। तभी नहर से निकले मगरमच्छ ने हमला कर घायल कर दिया। घायल किसान को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मोतीपुर थाना क्षेत्र के ककरहा रेंज अंतर्गत ग्राम पंचायत गूढ़ गांव निवासी मुन्ना (40) पुत्र तालुकदार किसान है। किसान के खेत में धान लगा हुआ है। सोमवार शाम को वह फसल की रखवाली के लिए खेत जा रहा था। शाम छह बजे के आसपास खेत जाते समय नहर से निकले मगरमच्छ ने किसान पर हमला कर घायल कर डिगा। किसान ने संघर्ष कर जन बचाई। गांव के लोगों ने उसे एंबुलेंस से सीएचसी मोतीपुर में भर्ती कराया। यहां हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

डॉक्टर के मुताबिक किसान के पीठ और हाथ में मगरमच्छ ने नोचा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शिवम मिश्रा ने बताया कि स्थिति सामान्य है। सर्जन चिकित्सक की ओर से इलाज किया जा रहा है।

सुंदर शिशु मंदिर में आयोजित की गई स्वच्छता पखवाड़े पर निबंध प्रतियोगिता

प्रतियोगिता में समीक्षा श्रीवास्तव रहीं अव्वल 

नानपारा, बहराइच। स्वच्छता पखवाड़े के तहत नगरपालिका परिषद ने सुंदर शिशु मंदिर जूनियर हाईस्कूल में स्वच्छता को लेकर निबंध प्रतियोगिता का अयोजन किया। जिसमें विद्यालय के काफी संख्या में छात्र छात्राओं में सहभागिता की।प्रतियोगिता के प्रथम चरण में जूनियर स्तर के छात्र छत्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में समीक्षा श्रीवास्तव प्रथम, मनीषा जायसवाल द्वितीय, पल्लवी वर्मा तृतीय स्थान पर रहीं। निबंध प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पुरुस्कार व अन्य प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। एसबीएम प्रभारी विद्या प्रसाद जायसवाल ने प्रतिभागियों व शिक्षकों को स्वच्छता की शपथ दिलाईं। श्री जायसवाल ने बच्चों को साफ-सफाई का महत्व बताते हुए नगर को साफ सुथरा रखने के लिए पालिका द्वारा किए जाने वाले कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अपील की कि कूड़े को निर्धारित स्थलों पर ही फेंका जाए। इससे नगर को साफ सुथरा रखने में मदद मिलेगी। साथ ही गीला व सूखा कचरा अलग अलग डालने की अपील की। विद्यालय प्रबन्धक अतुल चंद श्रीवास्तव ने पालीथिन के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पालीथिन पर्यावरण के लिए बेहद घातक है। इसका प्रयोग नही करना चाहिए आप सभी माता पिता से पालीथिन का उपयोग न करने के लिए कहे। इस मौके पर विद्यालय शिक्षक सहित नगरपालिका कर्मी मौजूद रहे।

छात्र-छात्राओं को दिलाई गई स्वच्छता की शपथ 

रुपईडीहा, बहराइच। स्वच्छता जागरूकता पखवाड़े के अंतर्गत नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। साथ में नगर वासियों से अपील की गई कि वह सड़क पर और नालों में गंदगी ना फेंके। सफाई कर्मी को इस आशय का शपथ दिलाया गया कि वह सफाई अभियान सुबह 5:00 बजे से शुरू करें और नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाएं।

शासन के निर्देश पर स्वच्छता पखवाड़ा 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर स्वच्छता ही सेवा, अभियान के अंतर्गत चलाया जा रहा है। जिस की गंदगी से उत्पन्न बीमारियों के चपेट में आम जन आने से बच सके।कार्यालय नगर पंचायत रुपईडीहा के चेयरमैन डॉ. उमाशंकर वैश्य व अधिशासी अधिकारी रंग बहादुर सिंह, सीएम फेलो ईओ रामेश्वर ने स्वछता के प्रति नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज के सभी छात्र छात्राओं को स्वछता पखवाड़ा की शपथ दिलाकर स्वछता के प्रति जागरूक किया गया।जिसमें चेयरमैन डॉ. वैश्य नें कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। हम सभी यदि स्वस्थ रहना चाहते हैं तो स्वच्छता अति आवश्यक है। जिसमें नगर पंचायत के सभी सुपरवाईजर, सफाई नायक, लिपिक गंगा प्रताप सिंह, मनीराम यादव, किशन गुप्ता अजय कुमार, अभिषेक यादव, संदीप पाण्डेय, सुजीत मिश्रा, मनीराम यादव आदि लोग उपस्थित रहे।

नेपाली महिला डेढ़ करोड़ की चरस के साथ गिरफ्तार

रुपईडीहा, बहराइच। एसएसबी और रुपईडीहा पुलिस ने नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश कर रही एक महिला को गिरफ्तार कर लिया उसके पास से 5 किलोग्राम चरस बरामद की गई है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत डेढ़ करोड़ रुपए आकी गई है पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर उसे न्यायालय भेज दिया।
इंडो नेपाल बार्डर पर वर्तमान समय में चरस व अफीम की तस्करी तेज हो गयी है। अंतर्राष्ट्रीय तस्कर नेपाल की गरीब महिलाओं को कैरियर बनाकर नेपाल से भारतीय क्षेत्र में चरस की खेप तस्करी के माध्यम से भेज रहे हैं। सोमवार की शाम 6:15 बजे नेपाल से एक महिला अपने शरीर में कपड़े के अंदर चरस भरकर बांध रखी थी और ऊपर से कपड़े पहने पहने थी। वह भारतीय सीमा में प्रवेश कर रही थी। जब वह एसएसबी चेक पोस्ट पर पहुंची। उस समय पुलिस के साथ एसएसबी के जवान चेकिंग कर रहे थे। महिला के बेडौल शरीर को देखकर जवानों को शक हुआ और डॉग स्क्वॉड के माध्यम से उसकी तलाशी ली गई।एसएसबी की 42वी वाहिनी के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने बताया कि रुपईडीहा बीओपी पर इंस्पेक्टर सत्येन्द्र कुमार सिंह, एएसआई सदानन्द कालीता महिला कांस्टेबल सुप्रिया भारती, सुप्रिया जायसवाल, पूजा सिंह व आंचल रागी डॉग हैंडलर तथा थाने के एसआई जितेश कुमार सिंह, हे. का.मुलायम यादव व धीरेंद्र प्रताप सिंह व महिला कांस्टेबल प्रिया पांडेय ने तलाशी के दौरान उक्त महिला के पास 5 किलो चरस बरामद की। नेपाली महिला रेखा बूढ़ा पुत्री दिल बहादुर बूढ़ा निवासिनी गांव सभा काक्री जिला रुकुम ने चरस कपड़े में लपेटकर कमर में बांध रखी थी। उसके पास से 5 किलोग्राम की गई है। बरामद चरस की कीमत 1 करोड़ 50 लाख रुपये आंकी गयी है। महिला के खिलाफ रुपईडीहा थाने पर एनडीपीएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर महिला को बहराइच न्यायालय भेज दिया गया।

सुयश मिश्रा के नेतृत्व में एम्स इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने सीबीएसई आईबी क्लस्टर में जीता रजत पदक

बांदा में आयोजित हुई थी कबड्डी प्रतियोगिता

बहराइच। बांदा जिले में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में प्रदेश के 34 जिलों की 38 टीमों ने सहभागिता की थी। जिसमें सुयश मिश्रा के नेतृत्व में एम्स इंटरनेशनल स्कूल कटी तिराहा बहराइच के छात्रों ने सहभागिता की और बांदा जिले में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर स्कूल का ही नही जिले का नाम रोशन किया है।
सीबीएसई कलस्टर आईबी प्रतियोगिता के लिए बाँदा में 34 जनपदों से 38 टीमों ने प्रतिभाग किया था। कबड्डी प्रतियोगिता विभिन्न विद्यालयों के बीच आयोजित की गई। एम्स इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने विभिन्न विद्यालयों के बीच हुई प्रतियोगिता में छात्रों को जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल और फाइनल में प्रवेश किया। छात्रों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और रजत पदक जीतने में कामयाब रहे।
एम्स इंटरनेशनल स्कूल की प्रबन्धक सुमन मिश्रा ने बताया कि बांदा में आयोजित किये गए कबड्डी प्रतियोगिता में स्कूल की टीम को कोच के साथ भेजा गया था। जहां टीम ने बहुत ही बेहतर प्रदर्शन करते हुए सेमी फाइनल में पहुची और फाइनल जीत कर स्कूल ही नही जनपद का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि यह कोशिश छात्रों और उनकी उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। कब्बडी टीम के मैनेजर आदिति श्रीवास्तव और सुयश मिश्रा की नेतृत्व में कप्तान समरथ के साथ जगमोहन, राज आनन्द, प्रियांशु आयुष, अजीत, शिवम, नीरज सहित पूरी टीम ने बांदा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रबन्धक सुमन मिश्रा ने टीम के सभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए समानित किया और रजत पदक जीतने पर छात्रों की सराहना की।